आध्यात्म और दर्शन के पूरक बोस खुद एक तीर्थ : भोजक



भाई बन्धु न्यूज, बीकानेर। भारत माता के स्वतंत्रता संग्राम के महानायक नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 125 वी जयंती पर कल्याण फाउंडेशन ऑफ इंडिया ने कच्ची बस्तियों में वस्त्र वितरण का कार्य किया।

फाउंडेशन की निदेशक कामिनी भोजक 'मैया' ने कहा कि जिस तरह नेताजी के जीवन का उद्देश्य निहित था। उसी तरह आप किसी भी जरूरतमंद का कार्य सम्पूर्ण कर सार्थक बनें। अन्यथा जीवन व्यतीत तो जानवर भी करते है। उनके जीवन में आध्यात्म और दर्शन का विशेष महत्त्व है। नेताजी खुद अपने आप में एक संपूर्ण तीर्थ है। तो कोई अतिश्योकिती नहीं है।

सचिव आर.के.शर्मा ने कहा कि अंग्रेजी दासता से भारत को मुक्त करवाने के लिए नेताजी के अहम योगदान है। उनके जीवन और बताये मार्ग से अनेक युवा आज भी प्रभावित है और उनके बताए मार्ग का अनुसरण करते है।

प्रवक्ता नितिन वत्सस ने कहा कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस के जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित था। उनके जीवन का सार है कि आपके होते अगर मातृभूमि पर कोई आंच आये तो आपके लिए मातृभूमि पर न्योछावर होना ही सपूत होने का प्रमाण है।

   वस्त्र वितरण कार्यक्रम में सत्यदेव शर्मा, पुरुषोतम सेवक जितेंद्र भोजक, अश्विनी सांवलेरा, नताशा वत्सस, खुश भोजक, मानसी और ध्रुविका मौजूद थे।

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