जरुर करें दर्शन, देखें पंचांग और दैनिक राशिफल

 

पंचांग - रविवार, अगस्त 09, 2020
चमत्कारिक काल भैरव की प्रतिमा करती है साक्षात मदिरापान


    क्या मूर्ति मदिरापान कर सकती...आप कहेंगे नहीं, कतई नहीं। भला मूर्ति कैसे मदिरापान कर सकती है। मूर्ति तो बेजान होती है। बेजान चीजों को भूख-प्यास का अहसास नहीं होता, इसलिए वह कुछ खाती-पीती भी नहीं है। लेकिन उज्जैन के काल भैरव के मंदिर में ऐसा नहीं होता। वाम मार्गी संप्रदाय के इस मंदिर में काल भैरव की मूर्ति को न सिर्फ मदिरा चढ़ाई जाती है, बल्कि बाबा भी मदिरापान करते हैं । 

    आस्था और अंधविश्वास की इस कड़ी में हमने इसी तथ्य को खंगालने की कोशिश की। अपनी इस कोशिश के लिए हमने सबसे पहले रुख किया उज्जैन का...महाकाल के इस नगर को मंदिरों का नगर कहा जाता है। लेकिन हमारी मंजिल थी, एक विशेष मंदिर- काल भैरव मंदिर। यह मंदिर महाकाल से लगभग पांच किलोमीटर की दूरी पर है। कुछ ही समय बाद हम मंदिर के मुख्य द्वार पर थे। 
 
    मंदिर के बाहर सजी दुकानों पर हमें फूल, प्रसाद, श्रीफल के साथ-साथ वाइन की छोटी-छोटी बोतलें भी सजी नजर आईं। इससे पहले कि हम कुछ समझ पाते, जान पाते, उससे पहले ही हमारे सामने कुछ श्रद्धालुओं ने प्रसाद के साथ-साथ मदिरा की बोतलें भी खरीदीं। जब हमने दुकानदार रवि वर्मा से इस बारे में बातचीत की तो उन्होंने बताया कि बाबा के दर पर आने वाला हर भक्त उनको मदिरा (देशी मदिरा) जरूर चढ़ाता है। बाबा के मुंह से मदिरा का कटोरा लगाने के बाद मदिरा धीरे-धीरे गायब हो जाती है। 
 
    मंदिर में भक्तों का तांता लगा हुआ था। हर भक्त के हाथ में प्रसाद की टोकरी थी। इस टोकरी में फूल और श्रीफल के साथ-साथ मदिरा की एक छोटी बोतल भी जरूर नजर आ जाती थी...हम मंदिर के गर्भ गृह में एक तरफ खड़े हो गए और देखने लगे कि बाबा कैसे मदिरा का पान करते हैं। 
 
    अंदर का दृश्य बेहद निराला था। भैरव बाबा की प्रतिमा के पास बैठे पुजारी गोपाल महाराज कुछ मंत्र बुदबुदा रहे थे। इतने में ही एक भक्त ने प्रसाद और मदिरा का चढ़ावा चढ़ाया। पंडित जी ने मदिरा को एक छोटी प्लेट में निकाला और बाबा की मूरत के मुंह से लगा दिया... और यह क्या...भोग लगाने के बाद प्लेट में मदिरा की एक बूंद भी नहीं बची।

    यह सिलसिला लगातार चलता रहा...एक-के-बाद-एक भक्त आते गए और बाबा की मूर्ति मदिरापान करती रही। सब कुछ हमारी आंखों के सामने घट रहा था। हम काफी देर तक यहीं खड़े रहे। मदिरा पिलाने का सिलसिला भी लगातार जारी था। पंडित जी भैरव बाबा को लगातार प्रसाद चढ़ाते जा रहे थे...लेकिन कहीं भी मदिरा की एक बूंद भी नजर नहीं आ रही थी।
 
    एक भक्त ने बताया 'वे उज्जैन के रहने वाले हैं और हर रविवार काल भैरव को मदिरा का भोग लगाने जरूर आते हैं। पहले-पहल वे भी यह जानने की कोशिश करते थे कि मदिरा आखिर जाती कहां हैं, लेकिन अब उन्हें पक्का विश्वास है कि मदिरा का भोग भगवान काल भैरव ही लगाते हैं।'
 
तांत्रिक मंदिर : काल भैरव का यह मंदिर लगभग छह हजार साल पुराना माना जाता है। यह एक वाम मार्गी तांत्रिक मंदिर है। वाम मार्ग के मंदिरों में मांस, मदिरा, बलि, मुद्रा जैसे प्रसाद चढ़ाए जाते हैं। प्राचीन समय में यहां सिर्फ तांत्रिकों को ही आने की अनुमति थी। वे ही यहां तांत्रिक क्रियाएं करते थे और कुछ विशेष अवसरों पर काल भैरव को मदिरा का भोग भी चढ़ाया जाता था। कालान्तर में ये मंदिर आम लोगों के लिए खोल दिया गया, लेकिन बाबा ने भोग स्वीकारना यूं ही जारी रखा। 
 
    अब यहां जितने भी दर्शनार्थी आते हैं, बाबा को भोग जरूर लगाते हैं। मंदिर के पुजारी गोपाल महाराज बताते हैं कि यहां विशिष्ट मंत्रों के द्वारा बाबा को अभिमंत्रित कर उन्हें मदिरा का पान कराया जाता है, जिसे वे बहुत खुशी के साथ स्वीकार भी करते हैं और अपने भक्तों की मुराद पूरी करते हैं।
 
    काल भैरव के मदिरापान के पीछे क्या राज है, इसे लेकर लंबी-चौड़ी बहस हो चुकी है। पीढ़ियों से इस मंदिर की सेवा करने वाले राजुल महाराज बताते हैं, उनके दादा के जमाने में एक अंग्रेज अधिकारी ने मंदिर की खासी जांच करवाई थी। लेकिन कुछ भी उसके हाथ नहीं लगा...उसने प्रतिमा के आसपास की जगह की खुदाई भी करवाई, लेकिन नतीजा सिफर। उसके बाद वे भी काल भैरव के भक्त बन गए। उनके बाद से ही यहां देसी मदिरा को वाइन उच्चारित किया जाने लगा, जो आज तक जारी है। 
 
    मंदिर में काफी देर तक बैठने और आसपास की जगहों का मुआयना करने के बाद और तमाम जानकार लोगों से बातें करने के बाद हमें भी पूरा यकीन हो गया कि जहां आस्था होती है, वहां शक की कोई गुंजाइश नहीं होती।
 
कब से शुरू हुआ सिलसिला :- काल भैरव को मदिरा पिलाने का सिलसिला सदियों से चला आ रहा है। यह कब, कैसे और क्यों शुरू हुआ, यह कोई नहीं जानता। यहां आने वाले लोगों और पंडितों का कहना है कि वे बचपन से भैरव बाबा को भोग लगाते आ रहे हैं, जिसे वे खुशी-खुशी ग्रहण भी करते हैं। उनके बाप-दादा भी उन्हें यही बाताते हैं कि यह एक तांत्रिक मंदिर था, जहां बलि चढ़ाने के बाद बलि के मांस के साथ-साथ भैरव बाबा को मदिरा भी चढ़ाई जाती थी। अब बलि तो बंद हो गई है, लेकिन मदिरा चढ़ाने का सिलसिला वैसे ही जारी है। इस मंदिर की महत्ता को प्रशासन की भी मंजूरी मिली हुई है। खास अवसरों पर प्रशासन की ओर से भी बाबा को मदिरा चढ़ाई जाती है।
    
मेष - उच्चाधिकारी आपके कार्य से काफी सन्तुष्ट रहेंगे। कई दिनों के बाद सकारात्मक परिणाम मिलते दिखाई देंगे। प्रभावशाली व्यक्तियों के साथ आपके सम्बन्ध प्रगाढ़ होंगे। विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के उत्तम अवसर मिलेंगे। आध्यात्मिक चिन्तन में दिन व्यतीत होगा।
वृषभ - मित्रों के साथ विवाद हो सकता है। शरीर में जलन की समस्या हो सकती है। घर में सदस्यों की बीच संवादहीनता हो सकती है। परिजनों के स्वास्थ्य का ध्यान रखना पड़ेगा। व्यापारिक अनुबन्ध करते समय जरूरी कागजों को सावधानी से परखें।

मिथुन - आपके जीवन में जिम्मेदारी और मनोरंजन का अच्छा तालमेल देखने को मिलेगा। दाम्पत्य सम्बन्ध मधुर रहेंगे। नये समझौते धन लाभ के लिये महत्वपूर्ण सिद्ध होंगे। प्रियजनों के माध्यम से शुभ समाचार सुनने को मिलेंगे। स्थायी सम्पत्ति में वृद्धि होगी।

कर्क - करियर के नये विकल्पों पर विचार कर सकते हैं। ईर्ष्यालु लोग आपके कार्यों में बाधा पहुँचाने की चेष्टा करेंगे। मेहनत के साथ अपने स्वास्थ्य पर भी अवश्य ध्यान दें। सहकर्मियों से अपना व्यवहार अच्छा रखें। भोग-विलास में अधिक रुचि लेंगे।

सिंह - पूर्व में किये गये अच्छे कार्यों की आज प्रशंसा होगी। रुके हुये कार्य आज पुनः शुरू हो सकते हैं। अभिमान और अहंकार से बचें। लोग आपसे अपने मन की बातें शेयर करना चाहेंगे। पिता के साथ बहुत अच्छा समय बीतेगा। लोग आपकी भरपूर सहायता करेंगे।

कन्या - दाम्पत्य जीवन में कुछ अनबन हो सकती है। आप पुरानी गलतियाँ दोबारा दोहरा सकते हैं। नया कार्य करने से पहले उसके विषय में पर्याप्त जानकारी इकट्ठी कर लें। लोगों पर सहज ही भरोसा न करें। कार्यक्षेत्र का माहौल भी ठीकठाक ही रहेगा।

तुला - जीवनसाथी के साथ किसी यात्रा पर घूमने जाने का प्लान बना सकते हैं। पदोन्नति के प्रबल योग बन रहे हैं। आपको अपने शुभचिन्तकों और चापलूसों में अन्तर करना सीखना होगा। भाग्य आपका पूरा-पूरा साथ देगा। शिक्षा में कुछ व्यवधान आ सकते हैं।

वृश्चिक - जो लोग बैंक लोन या किसी तरह के फंड के लिये प्रयास कर रहे थे उन्हें सफलता मिल सकती है। इंश्योरेंस से जुड़े जातकों को शानदार आर्थिक लाभ मिलेगा। मानसिक रूप से काफी व्यस्त रहने वाले हैं। घरेलू खर्चों में धन का काफी अपव्यय होगा। यात्रा करने से आज आपको बचना चाहिये।

धनु - बुरी संगत से आपको हानि हो सकती है। प्रेम सम्बन्धों में मधुरता और रोमांस बढ़ेगा। विवाहेत्तर सम्बन्ध व्यक्त हो सकते हैं। सन्तान की पढ़ाई के प्रति गम्भीर रहेंगे। उच्च प्रतिष्ठित और बौद्धिक वर्ग में आपका सम्मान बढ़ेगा।

मकर - झगड़ों को सुलझाने का प्रयास करें। कर्ज बढ़ने के कारण मन में चिन्ता रहेगी। पुरुष जातकों को महिलाओं के प्रति अपना व्यवहार अच्छा रखना चाहिये। मेहनत का उचित परिणाम नहीं मिलेगा। धार्मिक कार्यों में रुचि लेंगे।

कुम्भ - आपकी योग्यता और विशिष्ठता लोगों के समक्ष प्रकट होने वाली है। अटके हुये काम को पूरा करने का बिल्कुल सही समय है। व्यापारियों पर ग्राहकों का काफी दबाव रहेगा। दाम्पत्य सम्बन्धों में बेहतरीन तालमेल रहेगा। बदलते परिवेश के अनुसार अपनी नयी योजना बनाने में व्यस्त रहेंगे।

मीन - पारिवारिक वातावरण खुशनुमा रहेगा। मार्केटिंग सम्बन्धी कार्य सफल रहेंगे। बाहरी व्यक्तियों को अपने व्यक्तिगत जीवन में हस्तक्षेप न करने दें। आहार-विहार सन्तुलित रखें। गले में टांसिल और खराश जैसी कुछ समस्या हो तो तुरन्त उसका इलाज करवायें।

- ज्योतिषय श्री प्रेमशंकर शर्मा, बीकानेर।

फेसबुक पेज पर अपनी प्रतिक्रया कॉमेन्टस बॉक्स में अवश्य देंवे... 
समाज की 'भाई बन्धु' पत्रिका में न्यूज और धर्म लेख इत्यादि अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें।

Comments