भाई बन्धु, बीकानेर। गणेशोत्सव के दौरान भक्त श्रीगणेश प्रतिमा की स्थापना करते हैं। स्थापित प्रतिमा की श्रद्धानुसार 3, 5 या 10 दिनों तक पूजन करते हैं उसके बाद उसको विसर्जित कर देते हैं। सबसे पहले हम बात करते हैं श्रीगणेश मूर्ति की स्थापना की जाती है और कैसे श्रीगणेश प्रतिमा की स्थापना की जाती है और क्या इसका शास्त्रोक्त विधान होता है। यदि आपके पास समय कम है तो आप इस तरह से संक्षिप्त पूजन कर सकते हैं।
प्रात: काल शुद्ध होकर यानी स्नान आदि से निवृत्त होकर गणेश जी के सम्मुख बैठ कर उनका ध्यान करें और फूल, रोली, अक्षत आदि वस्तुओं से पूजन करें और गणपतिजी को विशेष रूप से सिन्दूर चढ़ाएं और 11 या 21दूर्वा समर्पित करें। भोग के लिए मोदक, लड्डू और ऋतुफल, नारियल, पंचामृत और पान समर्पित करें।
अगरबत्ती और दीप जलाने के बाद इन मंत्रों का मन ही मन 11, 21 या इससे अधिक बार जप करें।
ॐ चतुराय नम:, ॐ गजाननाय नम:, ॐ विघ्रराजाय नम:, ॐ प्रसन्नात्मने नम:
पूजा और मंत्र जप के बाद श्री गणेश आरती कर सुख, समृद्धि और सफलता की कामना करें।
सामान्यत: किसी भी देवता का पूजन शास्त्रोक्त विधान के अनुसार किया जाता है। इसलिए श्रीगणेशजी के पूजन में भी कुछ खास बातों का ख्याल रखा जाता है। गणपतिजी की पूजा का पूजा विधान इस तरह भी किया जाता है। इस तरह पूजा करने से छोड़ा ज्यादा समय लगता है।
पूजन सामग्री -
शुद्ध जल, या गंगाजल, सिन्दूर, कुमकुम ,रक्षासूत्र , वस्त्र, कपूर, घी, दही, दूर्वा, फूल, पान, पूजा की सुपारी, रूई, लड्डू, मोदक, पंचामृत आदी का प्रसाद।
पूजन विधि -
गणेश जी की मूर्ति को स्थापित कर, श्रद्धा पूर्वक फूल समर्पित करें। मिट्टी या धातु की मूर्ति न हो तो सुपारी पर मौली लपेटकर चावल पर स्थापित करें और आवाहान मंत्र बोलकर अक्षत समर्पित करें।
आह्वान मंत्र -
शुक्लाम्बर धरं विष्णुं शशि वर्णम् चतुर्भुजम्। प्रसन्न वदनं ध्यायेत् सर्व विघ्नोपशान्तये।।
षोडशोपचार पूजन विधि - ॐ सिद्धि विनायकाय नम:-ध्यायामि, ॐ सिद्धि विनायकाय नम:-आह्वायामि, ॐ सिद्धि विनायकाय नम:-आसनं समर्पयामि, ॐ सिद्धि विनायकाय नम: - अघ्र्यं समर्पयामि , ॐ सिद्धि विनायकाय नम:, पाद्यं समर्पयामि, ॐ सिद्धि विनायकाय नम: - आचमनीयं समर्पयामि, ॐ सिद्धि विनायकाय नम: - उप हारं समर्पयामि, ॐ सिद्धि विनायकाय नम: - पंचामृत स्नानं समर्पयामि, ॐ सिद्धि विनायकाय नम: - वस्त्र युग्मं समर्पयामि, ॐ सिद्धि विनायकाय नम: - यज्ञोपवीतं धारयामि, ॐ सिद्धि विनायकाय नम: - आभरणानि समर्पयामि, ॐ सिद्धि विनायकाय नम: - गंधं धारयामि, ॐ सिद्धि विनायकाय नम: - अक्षतान् समर्पयामि, ॐ सिद्धि विनायकाय नम: - पुष्पै: पूजयामि, ॐ सिद्धि विनायकाय नम: - प्रतिष्ठापयामि।
श्रीगणेश की उत्तर पूजा -
ॐ सिद्धि विनायकाय नम: - धूपं आघ्रापयामि, ॐ सिद्धि विनायकाय नम: - दीपं दर्शयामि, ॐ सिद्धि विनायकाय नम: - नैवेद्यं निवेदयामि, ॐ सिद्धि विनायकाय नम:- फलाष्टकं समर्पयामि, ॐ सिद्धि विनायकाय नम: - ताम्बूलं समर्पयामि, ॐ सिद्धि विनायकाय नम: - कर्पूर नीराजनं समर्पयामि, ॐ सिद्धि विनायकाय नम: - मंगल आरतीं समर्पयामि ॐ सिद्धि विनायकाय नम:।
पुष्पांजलि: समर्पयामि -
प्रदक्षिणा नमस्कारान् समर्पयामि -
ॐ सिद्धि विनायकाय नम:. समस्त राजोपचारान् समर्पयामि।
ॐ सिद्धि विनायकाय नम:. मंत्र पुष्पं समर्पयामि।।
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व कार्येषु सर्वदा।।
प्रार्थनां समर्पयामि -
आह्वानं न जानामि न जानामि विसर्जनं य। पूजाविधिं न जानामि क्षमस्व पुरुषोत्तम।।
क्षमापनं समर्पयामि -
ॐ सिद्धि विनायकाय नम:। पुनरागमनाय च।।
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