पंचांग - रविवार, अगस्त 02, 2020
काल भैरव, कोतवाल
भगवान शंकर की नगरी कही जानेवाली काशी के राजा हैं बाबा विश्वनाथ। साथ ही काल भैरव को इस शहर का कोतवाल कहा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस शहर में भैरव बाबा की ही मर्जी चलती है और वह पूरे शहर की व्यवस्था देखते हैं। इतना ही नहीं यहां के लोगों के बीच यह मान्यता है कि यहां मंदिर के पास एक कोतवाली भी है, और काल भैरव स्वयं उस कोतवाली का निरीक्षण करते हैं।
काल भैरव ने काट दिया ब्रह्माजी का पांचवां मुखकाल भैरव के काशी में स्थापित होने के पीछे एक बहुत ही रोचक पौराणिक कथा है। एक बार ब्रह्माजी और विष्णुजी के बीच यह चर्चा छिड़ गई कि दोनों में बड़ा कौन है? चर्चा के बीच शिवजी का जिक्र आने पर ब्रह्माजी के पांचवें मुख ने शिव की आलोचना कर दी, जिससे शिव बहुत क्रुद्ध हुए। उसी क्षण भगवान शिव के क्रोध से काल भैरव का जन्म हुआ। इसी कारण काल भैरव को शिव का अंश कहा जाता है। काल भैरव ने शिवजी की आलोचना करनेवाले ब्रह्माजी के पांचवें मुख को अपने नाखुनों से काट दिया।
अब यह मुख उनके हाथ से अलग नहीं हो रहा था। तभी शिवजी प्रकट हुए। उन्होंने भैरव से कहा कि अब तुम्हें ब्रह्म हत्या का दोष लग चुका है और इसकी सजा यह है कि तुम्हें एक सामान्य व्यक्ति की तरह तीनों लोकों का भ्रमण करना होगा। जिस स्थान पर यह शीश तुम्हारे हाथ से छूट जाएगा, वहीं पर तुम इस पाप से मुक्त हो जाओगे।
शिवजी की आज्ञा से काल भैरव तीनों लोकों की यात्रा पर चल दिए। उनके जाते ही शिवजी की प्रेरणा से एक कन्या प्रकट हुई। एक तेजस्वी कन्या, जो अपनी लंबी जीभ से कटोरे में रक्तपान कर रही थी। यह कन्या कोई और नहीं ब्रह्म हत्या थी। इसे शिवजी ने भैरव के पीछे छोड़ दिया था।
शिवजी के कहे अनुसार, भैरव ब्रह्म हत्या के दोष से मुक्ति पाने के लिए तीनों लोक की यात्रा कर रहे थे और वह कन्या भी उनका पीछा कर रही थी। फिर एक दिन जैसे ही भैरव बाबा ने काशी में प्रवेश किया कन्या पीछे छूट गई। शिवजी के आदेशानुसार काशी में इस कन्या का प्रवेश करना मना था।
काशी शिव की नगरी है, जहां वह बाबा विश्वनाथ के रूप में नगर के राजा के तौर पर पूजे जाते हैं। यहां गंगा के तट पर पहुंचते ही भैरव बाबा के हाथ से ब्रह्माजी का शीश अलग हो गया और भैरव बाबा को ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति मिली। काल भैरव के पाप मुक्त होते ही वहां शिवजी प्रकट हुए और उन्होंने काल भैरव को वहीं रहकर तप करने का आदेश दिया।
शिवजी ने काल भैरव को आशीर्वाद दिया कि तुम इस नगर के कोतवाल कहलाओगे और इसी रूप में तुम्हारी युगों-युगों तक पूजा होगी। शिव प्रेरणा से जिस स्थान पर काल भैरव रह गए, बाद में वहां काल भैरव का मंदिर स्थापित कर दिया गया। काशी में मान्यता है कि भक्तों को बाबा विश्वनाथ के बाद काल भैरव के दर्शन करना अनिवार्य है। अन्यथा बाबा विश्वनाथ के दर्शन भी अधूरे माने जाते हैं।"
भगवान शंकर की नगरी कही जानेवाली काशी के राजा हैं बाबा विश्वनाथ। साथ ही काल भैरव को इस शहर का कोतवाल कहा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस शहर में भैरव बाबा की ही मर्जी चलती है और वह पूरे शहर की व्यवस्था देखते हैं। इतना ही नहीं यहां के लोगों के बीच यह मान्यता है कि यहां मंदिर के पास एक कोतवाली भी है, और काल भैरव स्वयं उस कोतवाली का निरीक्षण करते हैं।
काल भैरव ने काट दिया ब्रह्माजी का पांचवां मुखकाल भैरव के काशी में स्थापित होने के पीछे एक बहुत ही रोचक पौराणिक कथा है। एक बार ब्रह्माजी और विष्णुजी के बीच यह चर्चा छिड़ गई कि दोनों में बड़ा कौन है? चर्चा के बीच शिवजी का जिक्र आने पर ब्रह्माजी के पांचवें मुख ने शिव की आलोचना कर दी, जिससे शिव बहुत क्रुद्ध हुए। उसी क्षण भगवान शिव के क्रोध से काल भैरव का जन्म हुआ। इसी कारण काल भैरव को शिव का अंश कहा जाता है। काल भैरव ने शिवजी की आलोचना करनेवाले ब्रह्माजी के पांचवें मुख को अपने नाखुनों से काट दिया।
अब यह मुख उनके हाथ से अलग नहीं हो रहा था। तभी शिवजी प्रकट हुए। उन्होंने भैरव से कहा कि अब तुम्हें ब्रह्म हत्या का दोष लग चुका है और इसकी सजा यह है कि तुम्हें एक सामान्य व्यक्ति की तरह तीनों लोकों का भ्रमण करना होगा। जिस स्थान पर यह शीश तुम्हारे हाथ से छूट जाएगा, वहीं पर तुम इस पाप से मुक्त हो जाओगे।
शिवजी की आज्ञा से काल भैरव तीनों लोकों की यात्रा पर चल दिए। उनके जाते ही शिवजी की प्रेरणा से एक कन्या प्रकट हुई। एक तेजस्वी कन्या, जो अपनी लंबी जीभ से कटोरे में रक्तपान कर रही थी। यह कन्या कोई और नहीं ब्रह्म हत्या थी। इसे शिवजी ने भैरव के पीछे छोड़ दिया था।
शिवजी के कहे अनुसार, भैरव ब्रह्म हत्या के दोष से मुक्ति पाने के लिए तीनों लोक की यात्रा कर रहे थे और वह कन्या भी उनका पीछा कर रही थी। फिर एक दिन जैसे ही भैरव बाबा ने काशी में प्रवेश किया कन्या पीछे छूट गई। शिवजी के आदेशानुसार काशी में इस कन्या का प्रवेश करना मना था।
काशी शिव की नगरी है, जहां वह बाबा विश्वनाथ के रूप में नगर के राजा के तौर पर पूजे जाते हैं। यहां गंगा के तट पर पहुंचते ही भैरव बाबा के हाथ से ब्रह्माजी का शीश अलग हो गया और भैरव बाबा को ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति मिली। काल भैरव के पाप मुक्त होते ही वहां शिवजी प्रकट हुए और उन्होंने काल भैरव को वहीं रहकर तप करने का आदेश दिया।
शिवजी ने काल भैरव को आशीर्वाद दिया कि तुम इस नगर के कोतवाल कहलाओगे और इसी रूप में तुम्हारी युगों-युगों तक पूजा होगी। शिव प्रेरणा से जिस स्थान पर काल भैरव रह गए, बाद में वहां काल भैरव का मंदिर स्थापित कर दिया गया। काशी में मान्यता है कि भक्तों को बाबा विश्वनाथ के बाद काल भैरव के दर्शन करना अनिवार्य है। अन्यथा बाबा विश्वनाथ के दर्शन भी अधूरे माने जाते हैं।"
मेष - अपनी कल्पनाओं को साकार करने में सक्षम होंगे। आकस्मिक धन लाभ होने मन प्रसन्न रहेगा। प्रतिष्ठित लोगों के समक्ष अपने विचारों को व्यक्त करने का अवसर मिलेगा। विद्यार्थी करियर के प्रति गम्भीर रहेंगे। मन की निराशा दूर होगी।
वृषभ- दोपहर के बाद किसी बड़ी चिन्ता का हल निकाल पायेंगे। बीमार लोगों को स्वास्थ्य लाभ होगा। दिन की शुरुआत तनावपूर्ण हो सकती है। विदेशी भूमि पर रहने वाले जातकों के लिये दिन सुखद रहेगा। सेल्स और मार्केटिंग से जुड़े जातकों को नये क्लाइंट्स मिल सकते हैं।
मिथुन- बुरे विचारों से स्वयं को प्रभावित न होने दें। पड़ोसियों से झगड़ा होने की सम्भावना रहेगी। अपने खान-पान में तेल व मसालायुक्त खाद्यों का ज्यादा प्रयोग न करें। पारस्परिक रिश्तों में निकटता बढ़ाने का प्रयास करेंगे। दोपहर से पहले महत्वपूर्ण कार्य पूरे कर लें।
कर्क- आज घरवालों के साथ अच्छा समय बिताने का प्रयास करेंगे। कार्यक्षेत्र में आपके नेतृत्व में उत्तम परिणाम प्राप्त होंगे। प्रेम सम्बन्धों को लेकर आश्वस्त रहेंगे। पिता के साथ वैचारिक मतभिन्नता हो सकती है। कारोबार में आपेक्षिक प्रगति होगी।
सिंह - दोपहर के बाद अपनी पुरानी गलतियों से सीखने का प्रयास रहेगा। पारिवारिक कारणों से मन बेचैन हो सकता है। माइग्रेन का दर्द उभर सकता है। विरोधियों की संख्या में कमी आयेगी। खर्चों पर नियन्त्रण करने की कोशिश होगी।
कन्या - पुरानी समस्याओं से सीखने का प्रयास करेंगे। कल तक जिन कार्यों से व्यय हो रहा था आज उससे धन प्राप्त होगा। घर में मांगलिक आयोजन की रूपरेखा बनेगी। प्रेमी जन की किसी मनोकामना को आज पूरा कर सकते हैं। शेयर आदि से धन प्राप्त होगा।
तुला - अति आत्मविश्वास आपको असफलता की ओर ले जा सकता है। दोपहर के बाद आपकी आलोचना हो सकती है। आवश्यक कार्यों में विलम्ब न करें। किसी यात्रा पर चलने का विचार बना सकते हैं। वाहन चलाते समय सावधान रहें।
वृश्चिक - व्यापार में नये प्रस्ताव मिल सकते हैं। मनोरंजक यात्रा का विचार बनायेंगे। घर में बिना बुलाये मेहमान आ सकते हैं। सरकारी कार्यों में बाधा आ सकती है। नये सम्पर्कों का बेहतर लाभ उठाने का प्रयास करेंगे।
धनु - अपने आत्मसम्मान की चिन्ता रहेगी। मेडिकल क्षेत्र से जुड़े लोगों को अच्छा धन लाभ होगा। दोपहर के बाद स्थितियाँ आपके नियन्त्रण से बाहर जा सकती हैं। अपने मित्रों और शुभचिन्तकों पर व्यर्थ में शक न करें। मन में भावुकता और क्रोध का आधिक्य रहेगा।
मकर - विषम परिस्थितियाँ उत्पन्न हो सकती है। संध्या के समय कोई अच्छी खबर मिल सकती है। भविष्य के लिये नये व्यापार की योजना बनायेंगे। कारोबार में नवीन प्रस्ताव मिल सकते हैं। समाज में आपकी प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
कुम्भ - कार्यक्षेत्र में आपके विरोधी सक्रिय हो सकते हैं। प्रेमी जन के माध्यम से कोई अच्छी खबर अच्छी आ सकती है। शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षा में बैठने वाले जातकों के लिये समय शुभ है। कोई मित्र आपको नये बिजनेस आइडियाज़ दे सकता है। आपके खर्चे आपकी बचत को प्रभावित करेंगे।
मीन - नयी योजनाओं को कार्यान्वित करने के लिये समय उत्तम है। अपने प्रेमी या लवमेट को प्रपोज कर सकते हैं। सन्तान के व्यवहार से मन खिन्न रहेगा। आपके अन्दर सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव रहेगा। जीवनसाथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
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मेष - अपनी कल्पनाओं को साकार करने में सक्षम होंगे। आकस्मिक धन लाभ होने मन प्रसन्न रहेगा। प्रतिष्ठित लोगों के समक्ष अपने विचारों को व्यक्त करने का अवसर मिलेगा। विद्यार्थी करियर के प्रति गम्भीर रहेंगे। मन की निराशा दूर होगी।
वृषभ- दोपहर के बाद किसी बड़ी चिन्ता का हल निकाल पायेंगे। बीमार लोगों को स्वास्थ्य लाभ होगा। दिन की शुरुआत तनावपूर्ण हो सकती है। विदेशी भूमि पर रहने वाले जातकों के लिये दिन सुखद रहेगा। सेल्स और मार्केटिंग से जुड़े जातकों को नये क्लाइंट्स मिल सकते हैं।
मिथुन- बुरे विचारों से स्वयं को प्रभावित न होने दें। पड़ोसियों से झगड़ा होने की सम्भावना रहेगी। अपने खान-पान में तेल व मसालायुक्त खाद्यों का ज्यादा प्रयोग न करें। पारस्परिक रिश्तों में निकटता बढ़ाने का प्रयास करेंगे। दोपहर से पहले महत्वपूर्ण कार्य पूरे कर लें।
कर्क- आज घरवालों के साथ अच्छा समय बिताने का प्रयास करेंगे। कार्यक्षेत्र में आपके नेतृत्व में उत्तम परिणाम प्राप्त होंगे। प्रेम सम्बन्धों को लेकर आश्वस्त रहेंगे। पिता के साथ वैचारिक मतभिन्नता हो सकती है। कारोबार में आपेक्षिक प्रगति होगी।
सिंह - दोपहर के बाद अपनी पुरानी गलतियों से सीखने का प्रयास रहेगा। पारिवारिक कारणों से मन बेचैन हो सकता है। माइग्रेन का दर्द उभर सकता है। विरोधियों की संख्या में कमी आयेगी। खर्चों पर नियन्त्रण करने की कोशिश होगी।
कन्या - पुरानी समस्याओं से सीखने का प्रयास करेंगे। कल तक जिन कार्यों से व्यय हो रहा था आज उससे धन प्राप्त होगा। घर में मांगलिक आयोजन की रूपरेखा बनेगी। प्रेमी जन की किसी मनोकामना को आज पूरा कर सकते हैं। शेयर आदि से धन प्राप्त होगा।
तुला - अति आत्मविश्वास आपको असफलता की ओर ले जा सकता है। दोपहर के बाद आपकी आलोचना हो सकती है। आवश्यक कार्यों में विलम्ब न करें। किसी यात्रा पर चलने का विचार बना सकते हैं। वाहन चलाते समय सावधान रहें।
वृश्चिक - व्यापार में नये प्रस्ताव मिल सकते हैं। मनोरंजक यात्रा का विचार बनायेंगे। घर में बिना बुलाये मेहमान आ सकते हैं। सरकारी कार्यों में बाधा आ सकती है। नये सम्पर्कों का बेहतर लाभ उठाने का प्रयास करेंगे।
धनु - अपने आत्मसम्मान की चिन्ता रहेगी। मेडिकल क्षेत्र से जुड़े लोगों को अच्छा धन लाभ होगा। दोपहर के बाद स्थितियाँ आपके नियन्त्रण से बाहर जा सकती हैं। अपने मित्रों और शुभचिन्तकों पर व्यर्थ में शक न करें। मन में भावुकता और क्रोध का आधिक्य रहेगा।
मकर - विषम परिस्थितियाँ उत्पन्न हो सकती है। संध्या के समय कोई अच्छी खबर मिल सकती है। भविष्य के लिये नये व्यापार की योजना बनायेंगे। कारोबार में नवीन प्रस्ताव मिल सकते हैं। समाज में आपकी प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
कुम्भ - कार्यक्षेत्र में आपके विरोधी सक्रिय हो सकते हैं। प्रेमी जन के माध्यम से कोई अच्छी खबर अच्छी आ सकती है। शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षा में बैठने वाले जातकों के लिये समय शुभ है। कोई मित्र आपको नये बिजनेस आइडियाज़ दे सकता है। आपके खर्चे आपकी बचत को प्रभावित करेंगे।
मीन - नयी योजनाओं को कार्यान्वित करने के लिये समय उत्तम है। अपने प्रेमी या लवमेट को प्रपोज कर सकते हैं। सन्तान के व्यवहार से मन खिन्न रहेगा। आपके अन्दर सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव रहेगा। जीवनसाथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
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