जरुर करें दर्शन, देखें पंचांग और दैनिक राशिफल

 



पंचांग - सोमवार, अगस्त 17, 2020



परशुराम महादेव मन्दिर,  राजसमंद व पाली

    त्रेता युग के मुनी परशुराम भगवान विष्णु के छठे अवतार माने जाते हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान शिव के द्वारा दिए गए परशु (फरसा) के कारण इनका नाम परशुराम पड़ा। भगवान परशुराम ने महर्षि जमदग्रि के घर रेणुका (जमदग्रि की पत्नी) के गर्भ से जन्म लिया। पौराणिक मान्यता के अनुसार परशुराम शस्त्र विद्या के बड़े ज्ञाता थे, उन्होंने कर्ण समेत द्रोण और भीष्म को शस्त्र ज्ञान दिया था। पौराणिक लेखों में वर्णित भगवान परशुराम के पराक्रम की कई कथाएं प्रचलित हैं। आज इस विशेष लेख में हमारे साथ जानिए उस गुफा मंदिर के बारे में जिसका निर्माण परशुराम ने अपने फरसे से एक बड़ी चट्टान को काटकर किया था और जहां उन्होंने भगवान शिव की कठोर तपस्या की थी।

परशुराम महादेव गुफा मंदिर    
     राजस्थान राज्य की अरावली पर्वतमाला के मध्य स्थान में पुर्ण रुप से प्राकर्तिक बना हैं, परशुराम महादेव मंदिर। माना जाता हैं की "‘परशुराम‘ ने फरसे के प्रहार से बनाया शिव मन्दिर"। परशुराम जी लाखो साल पहले त्रेता युग में मंदिर में बनी गुफा के रास्ते से यहाँ आये थे। यहाँ बैठकर भगवान शिव की गुप्त आराधना की। भगवान शिव को प्रसन्न करके उन्होनें अर्मतत्व का वरदान और इसके साथ ही कई दिव्यास्त्र एवं अस्त्र-शस्त्र भी प्राप्त किए। फरसे को भी यही से प्राप्त किया। आगे चलकर इस मंदिर का नाम परशुराम महादेव मन्दिर पड़ गया। उन्होनें जगह-जगह तप किया पर उनको अपने गुरु शिव के दर्शन नहीं हुए। ऋसी-मुनियों ने बताया की उन्हें मातृहत्या का अपराध है। तो ऋसी-मुनियों के कहने पर मातृ हत्या के दोष के निवारण के लिए यहाँ आये। ऋसी-मुनियों के अनुसार उनको अरावली पवर्तमालाओ मातृकुंडया नदी ( राजस्थान के चितौड़गढ़ जिले में) मे स्नान करके शिव की आराधना करनी थी। तो वो स्नान करके गुफा के रास्ते आये थे। कुदरत ने अब गुफा बंद करदी। अब गुफा (180 किलोमीटर लम्बी गुफा जिसका दुसरा छोर नदी पर था) में 5-7 मीटर तक अन्दर जा सकते हैं। ऊपर हनुमान जी का प्राचीन मन्दिर भी हैं। यह मन्दिर दो जिलों ( राजसमंद व पाली ) की सीमाओं के बीच स्थित हैं। इस मन्दिर का परिसर 3 किलोमीटर परिधि में फैला हुआ है। कई वर्षों तक यहां भगवान परशुरामजी ने तपस्या की थी। पहाड़ी पर बसे इस गुफा मंदिर तक पहुंचने के लिए करीब 600 के आस-पास सीढ़ियों हैं। निचे 3 कुण्ड हैं, जो 12 महिने भरा रहता हैं। यहाँ मन्दिर आने के दो रास्ते हैं एक मारवाड़ वालो के लिये जो 1600 मीटर का है इसमे चड़ाई कम हैं और दुसरा मेवाड़ से आने वालो के लिए 1200 मीटर का हैं पर इसमें चडाई अधिक हैं। यह मन्दिर समुंद्र से 3955 फिट तो करीब 4000 फिट की उंचाई पर हैं। बारिश के दिनो मे स्वर्ग से भी सुन्दर माहौल बन जाता है। यहाँ कुम्भलगढ राष्ट्रीय उद्यान हैं। यह कुम्भलगढ दुर्ग से 10 किलोमीटर, पाली से करीब 120 और रणकपुर से 7 किलोमीटर दूर हैं। राजस्थान का अमरनाथ धाम कहते हैं।

पर्यटन का समय :- भाद्रपद एवं श्रावण मास में यहाँ बहोत ही सुन्दर माहौल बन जाता है चारों दिशाओं में हरियाली छा जाती हैं और झरने और भी सुन्दर हो जाते हैं। यहाँ मेला श्रावण सूदी छ्ट को भरा जाता हैं। यूँ 2 मास तो मेला ही रहता हैं 2 मास तक प्रतिदिन 30 हज़ार के आस-पास श्रदालू आते हैं अच्छे से दर्शन नहीं हो पाता हैं अगर आप दर्शन करना चाहते है अच्छे से तो गर्मी या सर्दी के मौसम में आये।


ठहरने के लिए :- दो धर्मशालाएं बनी हुई हैं एक ऊपर 500 लोग के ठहरने की व्यवस्था है। और नीचे 1000 लोग के ठहरने की व्यवस्था है।


यातायात के साधन :- आपको अपने स्तर पर साधन की व्यवस्था करनी होगी।


    

मेष - आशानुकूल परिणाम प्राप्त नहीं होंगे। आपके कार्यों में व्यवधान आ सकता है। मौसमी बीमारियाँ घेर सकती हैं। रियल स्टेट में काम कर रहे जातकों को सावधानी पूर्वक निवेश करना चाहिये। आप अपनी मेहनत पर विश्वास रखें।

वृषभ - नये सम्पर्क आपको बहुत लाभ पहुँचा सकते हैं। रुके हुये कार्य शीघ्र पूर्ण हो जायेंगे। कार्यक्षेत्र में आपको महत्वपूर्ण पद मिल सकता है। अच्छे अवसरों को पहचानें और अपने करियर के प्रति गम्भीर रहें। गृहस्थ जीवन में शान्ति रहेगी।

मिथुन - घर में विवाद की स्थिति बन सकती है। संकोच की स्थिति के कारण अपने मन की बात कह नहीं पायेंगे। अनावश्यक सोच-विचार आपको दुविधा की स्थिति में भी फँसा सकता है। क्रोध करने से बचें। आपके खर्चे बढ़ रहें हैं इस पर नियन्त्रण करिये।

कर्क मेहनत का सार्थक परिणाम मिलने से चित्त प्रसन्न रहेगा। अन्य दिनों की तुलना में बेहतर कार्य कर पायेंगे। मेहनत का सकारात्मक फल प्राप्त होगा। नये प्रोजेक्ट्स में आपको शामिल किया जा सकता है। आसानी से सभी कार्य पूरे होंगे।

सिंह - व्यापार-व्यवसाय में कुछ व्यापक फेरबदल कर सकते हैं। माता के स्वास्थ्य की चिन्ता रहेगी। मन में कुंठा का भाव रहेगा। निजी परेशानियों में घिर सकते हैं। गुप्त शत्रु आपको नुकसान पहुँचाने की चेष्टा करेंगे। दूर की यात्रा करनी पड़ सकती हैं।

कन्या - अपनी समस्याओं का निराकरण करने में सफल होंगे। किसी उत्सव में सम्मिलित हो सकते हैं। सन्तान के भविष्य को लेकर चिन्ता रहेगी। आय में बढ़ोत्तरी होगी। करियर में आपको सफलता मिलेगी।

तुला - बुजुर्ग व्यक्तियों के साथ व्यवहार अच्छा रखें। रुके हुये मामलें सुलझ सकते हैं। आपकी कार्यक्षमता में वृद्धि होगी। महत्वपूर्ण कार्यों को टालना उचित नहीं होगा। गृहस्थ जीवन आनन्द दायी रहेगा।

वृश्चिक - किसी पुराने ऋण से मुक्ति मिल सकती है। अपनी तीव्र बुद्धि का कुशल प्रयोग करेंगे। स्वयं को ऊर्जावान महसूस करेंगे। दोस्तों के साथ सम्बन्ध प्रगाढ़ होंगे। आध्यात्म की ओर आपका रुझान रहेगा।

धनु - अटके हुये काम आपको परेशान कर सकते हैं। रचनात्मक कार्यों में परेशानी आयेगी। परिवार में अशान्ति का माहौल हो सकता है। जटिल कार्यों को अपने हाँथ में न लें। दूसरों की सहायता करें लेकिन अपने हितों को नजरंदाज न करें।

मकर - कार्यक्षेत्र में तरक्की होने से मन प्रसन्न होगा। आर्थिक उन्नति के अवसर प्राप्त होंगे। पुराने मित्रों से मिलना हो सकता है। जीवनसाथी के प्रति आकर्षण बढ़ेगा। सफलता के लिये अत्यधिक मेहनत करने के लिये प्रेरित रहेंगे।

कुम्भ - अपनी जीवनशैली को व्यवस्थित करने का प्रयास करेंगे। वरिष्ठ लोगों की सलाह अवश्य लें। ऑफिस के काम में गति आयेगी। शुभ कार्यों में धन खर्च होगा। परिवार में आपकी महत्ता बढ़ेगी। मन की अस्थिरता को नियन्त्रित करने का प्रयास करें।

मीन - परिस्थितियों का सटीक आकलन आपको लाभ दिलायेगा। आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। प्रेमी जन की भावनाओं का अनादर न करें। भाइयों का भरपूर सहयोग मिलेगा। सन्तान की शिक्षा को लेकर गम्भीर रहेंगे।

- ज्योतिषय श्री प्रेमशंकर शर्मा, बीकानेर।

फेसबुक पेज पर अपनी प्रतिक्रया कॉमेन्टस बॉक्स में अवश्य देंवे... 
समाज की 'भाई बन्धु' पत्रिका में न्यूज और धर्म लेख इत्यादि अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें।
https://www.facebook.com/Bhai-Bandhu-Patrika-150293535826784

Comments