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पंचांग - 
रविवार, जुलाई 26, 2020

कोड़मदेसर, बीकानेर
    कोड़मदेसर बीकानेर शहर से लगभग 24 किमी की दुरी पर स्थित है कोडमदेसर भैरू का भव्य मंदिर । राव बीका जी (1472-1504 ईस्वी के बीच बीकानेर के संस्थापक और शासक) ने कोडमदेसर भैरू मंदिर का निर्माण करवाया था, राव बीका जी का जन्म जोधपुर के शाही परिवार में हुआ था । उन्होंने बीकानेर राज्य की स्थापना के लिए 1465 ईस्वी में जोधपुर को छोड़ दिया । यह मंदिर पूरी तरह से खुला है । यह मंदिर सफेद संगमरमर द्वारा बना है । भैरुजी के मंदिर के पास ही एक पवित्र तालाब, कोडमदेसर स्तंभ और रियासत कालिन किला है । मंदिर के पास ही दो सतीमाता की देवलि और प्राचीन शिलालेख भी है । यहाँ प्रति वर्ष मेला का आयोजन भी होता है. मंदिर में पुरे साल भव्य पूजा, जागरण और महाप्रसादी, अभिषेक अनुष्ठान, श्रंगार आदि के कार्यक्रमों का आयोजन होता ही रहता है ।
    शिवपुराण के अनुसार मार्गशीर्ष मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी को भगवान भैरव प्रकट हुए थे, जिसे श्रीकाल भैरवाष्टमी के रूप में जाना जाता है। रूद्राष्टाध्यायी तथा भैरव तंत्र के अनुसार भैरव को शिवजी का अंशावतार माना गया है। भैरव का रंग श्याम है। उनकी चार भुजाएं हैं, जिनमें वे त्रिशूल, खड़ग, खप्पर तथा नरमुंड धारण किए हुए हैं। इनका वाहन श्वान (कुत्ता) है। इनकी वेश-भूषा लगभग शिवजी के समान है। भैरव श्मशानवासी हैं। ये भूत-प्रेत, योगिनियों के अधिपति हैं। भक्तों पर स्नेहवान और दुष्टों का संहार करने में सदैव तत्पर रहते हैं। भगवान भैरव अपने भक्तों के कष्टों को दूर कर बल, बुद्धि, तेज, यश, धन तथा मुक्ति प्रदान करते हैं। जो व्यक्ति भैरव जयंती को अथवा किसी भी मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भैरव का व्रत रखता है, पूजन या उनकी उपासना करता है वह समस्त कष्टों से मुक्त हो जाता है।

    रविवार एवं मंगलवार को भैरव की उपासना का दिन माना गया है। कुत्ते को इस दिन मिष्ठान खिलाकर दूध पिलाना चाहिए। भैरव की पूजा में श्री बटुक भैरव अष्टोत्तर शत-नामावली का पाठ करें। इनकी प्रसन्नता के लिए श्री बटुक भैरव मूल मंत्र का पाठ करें। मूलमंत्र: “ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरू कुरू बटुकाय ह्रीं”। अन्य देवताओं की तरह श्री भैरव के अनेक रूपहैं जिसमें प्रमुख रूप से बटुक भैरव, महाकाल भैरव तथा स्वर्णाकर्षण भैरव प्रमुख हैं। जिस भैरव की पूजा करें उसी रूप के नाम का उच्चारण होना चाहिए। सभी भैरवों में बटुक भैरव उपासना का अधिक प्रचलन है। तांत्रिक ग्रंथों में अष्ट भैरव के नामों की प्रसिद्धि है। वे इस प्रकार हैं- 1. असितांग भैरव, 2. चंड भैरव, 3. रूरू भैरव, 4. क्रोध भैरव, 5. उन्मत्त भैरव, 6. कपाल भैरव, 7. भीषण भैरव 8. संहार भैरव। क्षेत्रपाल,दण्डपाणि के नाम सेभी इन्हें जाना जाता है। ब्रह्माजी के वरदान स्वरूप भैरव जी में सम्पूर्ण विश्व के भरण-पोषण का सामर्थ्य हैँ, अत: इन्हें “भैरव” नाम से जाना जाता है।इनसे काल भी भयभीत रहता है अत: “काल भैरव” के नाम से विख्यात हैं। दुष्टों का दमन करने के कारण इन्हें “आमर्दक”कहा गया है। शिव जी ने भैरव को काशी के कोतवाल पद पर प्रतिष्ठित किया है। जिन व्यक्तियों की जन्म कुंडली में शनि, मंगल, राहु आदि पाप ग्रह अशुभ फलदायक हों, नीचगत अथवा शत्रु क्षेत्रीय हों। शनि की साढ़े-साती या ढैय्या से पीडित हों, तो वे व्यक्ति भैरवजयंती अथवा किसी माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी, रविवार या मंगलवार प्रारम्भ कर बटुक भैरव मूल मंत्र की एक माला (108 बार) का जाप प्रतिदिन रूद्राक्ष की माला से 40 दिन तक करें, अवश्य ही शुभ फलों की प्राप्ति होगी।
 





मेष -  आज आपको कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। महिलाओं को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिये। बैंकिंग और फाइनेंस से जुड़े लोगों को मेहनत का आशानुकूल परिणाम नहीं मिलेगा। प्रिय व्यक्तियों से मिलना हो सकता है। दूसरों के झगड़ों में अपनी सक्रियता न रखें।

वृषभ - आज किये गये प्रयास भविष्य में लाभकारी सिद्ध होंगे। प्रतियोगी परीक्षा में सफलता मिलेगी। भावनाओं में नियन्त्रण रखें। मित्रों के द्वारा कार्यक्षेत्र में लाभ होगा। आपके व्यवहार में विनम्रता रहेगी। प्रेमी जन के व्यवहार से प्रसन्न रहेंगे।

मिथुन - बुरे लोगों की संगत से दूर रहें। आपके आत्मविश्वास और मनोबल में कमी रहेगी। कारोबार में कड़े फैसले लेने से बचें। आकस्मिक धन लाभ हो सकता है। शत्रुओं से भय रहेगा। शरीर में थकान रहेगी।

कर्क - उत्साहित होकर कार्य करने से सफलता मिलेगी। दाम्पत्य सम्बन्धों में प्रगाढ़ता बढ़ेगी। शत्रुओं से मुक्ति मिलने के योग बन रहे हैं। घर में मेहमानों के आने से कुछ असहज महसूस करेंगे। विद्यार्थियों को उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश मिल सकता है।

सिंह -  अपनी आर्थिक स्थिति को लेकर चिन्तित रहेंगे। व्यापार में नुकसान होने की आशंका है। मौसमी बीमारियों की चपेट में आ सकते है। परिवार में किसी सदस्य के स्वभाव के कारण घर का वातावरण खराब हो सकता है। दोस्त आपकी सहायता नहीं कर पायेंगे।

कन्या - बड़े कारोबारी सौदे होने के योग बन रहे हैं। आपका दिन बहुत ही अच्छा रहेगा। आय के नये स्त्रोत बनाने में सफल रहेंगे। आज जीवनसाथी काफी रोमांटिक मूड में रहेगा। किसी नये प्रोजेक्ट में रुचि ले सकते हैं।

तुला - सोशल मीडिया में काफी सक्रिय रहेंगे। जॉब में परेशानी बढ़ सकती है। आप पर गलत आरोप लग सकते हैं। मांगलिक कार्यों को टालना पड़ सकता है। पेट में दर्द की समस्या रहेगी। मन में नकारात्मक विचारों को रोकने के लिये मेडिटेशन का सहारा ले सकते हैं।

वृश्चिक - नौकरीपेशा लोगों को काफी अच्छी तरक्की मिलने के योग बन रहे हैं। जीवनसाथी के विचारों को महत्व अवश्य दें। समय काफी अनुकूल रहने वाला है। घर में मनोरंजन को काफी समय देंगे। आज आपकी कोई महिला मित्र आपको प्रपोज कर सकती है।

धनु - जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा। जॉब में आपको बड़ी ज़िम्मेदारी मिल सकती है। अधिकारी वर्ग आपसे प्रसन्न रहेगा। अपने व्यवहार में परिवर्तन लाने का प्रयास करेंगे। शारीरिक समस्याओं से मुक्ति मिलेगी।

मकर - बौद्धिक अध्ययन और पठन-पाठन में रुचि लेंगे। धार्मिक यात्रा में जाने की योजना बनायेंगे। परिवार के व्यवहार से प्रसन्न रहेंगे। वैवाहिक जीवन खुशहाल रहेगा। अच्छी खबर मिलने से मन प्रसन्न होगा।

कुम्भ - सम्पत्ति के मामले उलझ सकते हैं। मित्रों और शुभ चिन्तकों से विवाद की स्थिति बन सकती है। उचित और परिस्थिति के अनुकूल निर्णय लेने में मुश्किल होगी। किसी पुरानी योजना में अवरोध आने की आशंका है। अजनबी लोगों पर ज्यादा भरोसा न करें।

मीन - समाज में आपकी प्रतिष्ठा बढ़ेगी। साझेदार लोगों को लाभ मिलने के योग बन रहे हैं। पारिवारिक जीवन की परेशानी दूर होगी। प्रेम विवाह का प्रस्ताव मिल सकता है। शुभ चिन्तकों के साथ विचार-विमर्श लाभकारी होगा।


- ज्योतिषी प्रेमशंकर शर्मा, बीकानेर।



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