नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मन्दिर, द्वारका, गुजरात
नागेश्वर मन्दिर एक प्रसिद्द मन्दिर है जो भगवान शिव को समर्पित है। यह द्वारका, गुजरात के बाहरी क्षेत्र में स्थित है। यह शिव जी के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। हिन्दू धर्म के अनुसार नागेश्वर अर्थात नागों का ईश्वर होता है। यह विष आदि से बचाव का सांकेतिक भी है। रुद्र संहिता में इन भगवान को दारुकावने नागेशं कहा गया है। भगवान् शिव का यह प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग गुजरात प्रांत में द्वारका पुरी से लगभग 17 मील की दूरी पर स्थित है। इस पवित्र ज्योतिर्लिंग के दर्शन की शास्त्रों में बड़ी महिमा बताई गई है। कहा गया है कि जो श्रद्धापूर्वक इसकी उत्पत्ति और माहात्म्य की कथा सुनेगा वह सारे पापों से छुटकारा पाकर समस्त सुखों का भोग करता हुआ अंत में भगवान् शिव के परम पवित्र दिव्य धाम को प्राप्त होगा।
एतद् यः श्रृणुयान्नित्यं नागेशोद्भवमादरात्। सर्वान् कामानियाद् धीमान् महापातकनाशनम्॥
इस ज्योतिर्लिंग के संबंध में पुराणों यह कथा वर्णित है-
सुप्रिय नामक एक बड़ा धर्मात्मा और सदाचारी वैश्य था। वह भगवान् शिव का अनन्य भक्त था। वह निरन्तर उनकी आराधना, पूजन और ध्यान में तल्लीन रहता था। अपने सारे कार्य वह भगवान् शिव को अर्पित करके करता था। मन, वचन, कर्म से वह पूर्णतः शिवार्चन में ही तल्लीन रहता था। उसकी इस शिव भक्ति से दारुक नामक एक राक्षस बहुत क्रुद्व रहता था।
उसे भगवान् शिव की यह पूजा किसी प्रकार भी अच्छी नहीं लगती थी। वह निरन्तर इस बात का प्रयत्न किया करता था कि उस सुप्रिय की पूजा-अर्चना में विघ्न पहुँचे। एक बार सुप्रिय नौका पर सवार होकर कहीं जा रहा था। उस दुष्ट राक्षस दारुक ने यह उपयुक्त अवसर देखकर नौका पर आक्रमण कर दिया। उसने नौका में सवार सभी यात्रियों को पकड़कर अपनी राजधानी में ले जाकर कैद कर लिया। सुप्रिय कारागार में भी अपने नित्यनियम के अनुसार भगवान् शिव की पूजा-आराधना करने लगा।
अन्य बंदी यात्रियों को भी वह शिव भक्ति की प्रेरणा देने लगा। दारुक ने जब अपने सेवकों से सुप्रिय के विषय में यह समाचार सुना तब वह अत्यन्त क्रुद्ध होकर उस कारागर में आ पहुँचा। सुप्रिय उस समय भगवान् शिव के चरणों में ध्यान लगाए हुए दोनों आँखें बंद किए बैठा था। उस राक्षस ने उसकी यह मुद्रा देखकर अत्यन्त भीषण स्वर में उसे डाँटते हुए कहा- 'अरे दुष्ट वैश्य! तू आँखें बंद कर इस समय यहाँ कौन- से उपद्रव और षड्यन्त्र करने की बातें सोच रहा है?' उसके यह कहने पर भी धर्मात्मा शिवभक्त सुप्रिय की समाधि भंग नहीं हुई। अब तो वह दारुक राक्षस क्रोध से एकदम पागल हो उठा। उसने तत्काल अपने अनुचरों को सुप्रिय तथा अन्य सभी बंदियों को मार डालने का आदेश दे दिया। सुप्रिय उसके इस आदेश से जरा भी विचलित और भयभीत नहीं हुआ।
वह एकाग्र मन से अपनी और अन्य बंदियों की मुक्ति के लिए भगवान् शिव से प्रार्थना करने लगा। उसे यह पूर्ण विश्वास था कि मेरे आराध्य भगवान् शिवजी इस विपत्ति से मुझे अवश्य ही छुटकारा दिलाएँगे। उसकी प्रार्थना सुनकर भगवान् शंकरजी तत्क्षण उस कारागार में एक ऊँचे स्थान में एक चमकते हुए सिंहासन पर स्थित होकर ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हो गए।
उन्होंने इस प्रकार सुप्रिय को दर्शन देकर उसे अपना पाशुपत-अस्त्र भी प्रदान किया। इस अस्त्र से राक्षस दारुक तथा उसके सहायक का वध करके सुप्रिय शिवधाम को चला गया। भगवान् शिव के आदेशानुसार ही इस ज्योतिर्लिंग का नाम नागेश्वर पड़ा।
नागेश्वर मन्दिर एक प्रसिद्द मन्दिर है जो भगवान शिव को समर्पित है। यह द्वारका, गुजरात के बाहरी क्षेत्र में स्थित है। यह शिव जी के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। हिन्दू धर्म के अनुसार नागेश्वर अर्थात नागों का ईश्वर होता है। यह विष आदि से बचाव का सांकेतिक भी है। रुद्र संहिता में इन भगवान को दारुकावने नागेशं कहा गया है। भगवान् शिव का यह प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग गुजरात प्रांत में द्वारका पुरी से लगभग 17 मील की दूरी पर स्थित है। इस पवित्र ज्योतिर्लिंग के दर्शन की शास्त्रों में बड़ी महिमा बताई गई है। कहा गया है कि जो श्रद्धापूर्वक इसकी उत्पत्ति और माहात्म्य की कथा सुनेगा वह सारे पापों से छुटकारा पाकर समस्त सुखों का भोग करता हुआ अंत में भगवान् शिव के परम पवित्र दिव्य धाम को प्राप्त होगा।
इस ज्योतिर्लिंग के संबंध में पुराणों यह कथा वर्णित है-
सुप्रिय नामक एक बड़ा धर्मात्मा और सदाचारी वैश्य था। वह भगवान् शिव का अनन्य भक्त था। वह निरन्तर उनकी आराधना, पूजन और ध्यान में तल्लीन रहता था। अपने सारे कार्य वह भगवान् शिव को अर्पित करके करता था। मन, वचन, कर्म से वह पूर्णतः शिवार्चन में ही तल्लीन रहता था। उसकी इस शिव भक्ति से दारुक नामक एक राक्षस बहुत क्रुद्व रहता था।
उसे भगवान् शिव की यह पूजा किसी प्रकार भी अच्छी नहीं लगती थी। वह निरन्तर इस बात का प्रयत्न किया करता था कि उस सुप्रिय की पूजा-अर्चना में विघ्न पहुँचे। एक बार सुप्रिय नौका पर सवार होकर कहीं जा रहा था। उस दुष्ट राक्षस दारुक ने यह उपयुक्त अवसर देखकर नौका पर आक्रमण कर दिया। उसने नौका में सवार सभी यात्रियों को पकड़कर अपनी राजधानी में ले जाकर कैद कर लिया। सुप्रिय कारागार में भी अपने नित्यनियम के अनुसार भगवान् शिव की पूजा-आराधना करने लगा।
अन्य बंदी यात्रियों को भी वह शिव भक्ति की प्रेरणा देने लगा। दारुक ने जब अपने सेवकों से सुप्रिय के विषय में यह समाचार सुना तब वह अत्यन्त क्रुद्ध होकर उस कारागर में आ पहुँचा। सुप्रिय उस समय भगवान् शिव के चरणों में ध्यान लगाए हुए दोनों आँखें बंद किए बैठा था। उस राक्षस ने उसकी यह मुद्रा देखकर अत्यन्त भीषण स्वर में उसे डाँटते हुए कहा- 'अरे दुष्ट वैश्य! तू आँखें बंद कर इस समय यहाँ कौन- से उपद्रव और षड्यन्त्र करने की बातें सोच रहा है?' उसके यह कहने पर भी धर्मात्मा शिवभक्त सुप्रिय की समाधि भंग नहीं हुई। अब तो वह दारुक राक्षस क्रोध से एकदम पागल हो उठा। उसने तत्काल अपने अनुचरों को सुप्रिय तथा अन्य सभी बंदियों को मार डालने का आदेश दे दिया। सुप्रिय उसके इस आदेश से जरा भी विचलित और भयभीत नहीं हुआ।
वह एकाग्र मन से अपनी और अन्य बंदियों की मुक्ति के लिए भगवान् शिव से प्रार्थना करने लगा। उसे यह पूर्ण विश्वास था कि मेरे आराध्य भगवान् शिवजी इस विपत्ति से मुझे अवश्य ही छुटकारा दिलाएँगे। उसकी प्रार्थना सुनकर भगवान् शंकरजी तत्क्षण उस कारागार में एक ऊँचे स्थान में एक चमकते हुए सिंहासन पर स्थित होकर ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हो गए।
उन्होंने इस प्रकार सुप्रिय को दर्शन देकर उसे अपना पाशुपत-अस्त्र भी प्रदान किया। इस अस्त्र से राक्षस दारुक तथा उसके सहायक का वध करके सुप्रिय शिवधाम को चला गया। भगवान् शिव के आदेशानुसार ही इस ज्योतिर्लिंग का नाम नागेश्वर पड़ा।
एतद् यः श्रृणुयान्नित्यं नागेशोद्भवमादरात्।
सर्वान् कामानियाद् धीमान् महापातकनाशनम्॥
मेष - आज ऑनलाइन शॉपिंग कर सकते हैं। आपको आज सम्मान मिल सकता है। कारोबार में अच्छी खासी सफलता मिलने के योग बन रहे हैं। प्रगतिशील विचारों का प्रभाव आपके करियर को नये आयाम दे सकता है। परिजनों की कोई बात बुरी लग सकती है।
वृषभ - आमोद-प्रमोद में दिन बीतेगा। अधूरे कार्यों को शीघ्रता से पूरा करेंगे। परिवार में किसी का स्वास्थ्य खराब हो सकता है। कार्यक्षेत्र में आपकी ख्याति बढ़ेगी। सोच-समझकर ही किसी मुद्दे पर अपनी राय दें।
मिथुन - जॉब और व्यापार में नयी तकनीकी का प्रयोग करेंगे। सही और गलत का निर्णय करने में चूक हो सकती है। अति आत्मविश्वास आपको भारी पड़ सकता है। दूर स्थान की यात्रा करने से बचें। प्रेम की अभिव्यक्ति में अतिश्योक्ति न करें।
कर्क - स्वास्थ्य को लेकर परेशानी रहेगी। दोपहर के बाद मन कुछ अशान्त हो सकता है। सहयोगी लोग आपकी भावनाओं का निरादर कर सकते हैं। जॉब में अस्थिरता जैसी स्थिति रहेगी। परिवार के सदस्यों के बीच अविश्वास की स्थिति बन सकती है।
सिंह - अपने सामाजिक दायरे को बढ़ाने का प्रयास करेंगे। शारीरिक रूप से स्वस्थ रहेंगे। मानसिक चिन्ता आज दूर हो सकती है। पुराने मित्रों से मिलाप होने के योग बन रहे हैं। आपका साहस और आत्मविश्वास बढ़ेगा।
कन्या - जीवनसाथी आपसे काफी प्रसन्न रहेगा। चुनौतियों का बेहतर सामना करेंगे। पारिवारिक मामलों में तनाव कम होगा। बच्चों की प्रगति से उत्साहित रहेंगे। सभी कार्यों में सफलता मिलेगी। प्रतिष्ठित लोगों से सहयोग मिलेगा।
तुला - आपके कार्य की प्रशंसा होगी। गूढ़ विद्याओं और उच्च शिक्षा में रुचि लेंगे। आपका कोई कर्ज उतर सकता है। शरीर में उत्साह और ऊर्जा का प्रभाव रहेगा। आपकी आय बहुत ही अच्छी रहेगी। वैवाहिक जीवन में सुख की अनुभूति होगी।
वृश्चिक - अनावश्यक खर्चे आपको परेशान कर सकते हैं। नजदीकी मित्रों का सहयोग मिलेगा। आपकी प्रतिभा का लोग सम्मान करेंगे। गुप्त बातें बाहर आ सकती हैं। भाग्य का साथ नहीं मिलेगा। धन के लेन-देन को लेकर परेशानी रहेगी।
धनु - नौकरी में आपको प्रमोशन मिल सकता है। समाज की भलाई का काम करेंगे। आपके अधिकार और योग्यता में वृद्धि होगी। आपकी जीवनशैली बहुत रोमांटिक रहेगी। उधार लिया हुआ धन वापस मिलेगा।
मकर - नये कार्यों का शुभारम्भ होने की सम्भावना है। व्यापार में तेजी रहेगी। आपकी दिनचर्या बहुत ही अच्छी रहेगी। राजनीति से जुड़े लोगों का सम्पर्क बढ़ेगा। परिवार के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने का प्रयास करेंगे।
कुम्भ - ज्ञान-विज्ञान में रुचि लेंगे। धार्मिक क्रियाकलापों में रुचि लेंगे। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले लोगो को सफलता मिलेगी। दूर स्थान की यात्रा सौभाग्यदायी रहेगी। बुजुर्ग रिश्तेदारों से काफी कुछ सीखने को मिलेगा।
मीन - लोग आपकी बातों का गलत मतलब निकाल सकते हैं। माता की सेहत को लेकर चिन्ता रहेगी। व्यापार में आपको कुछ नुकसान उठाना पड़ सकता है। अनावश्यक मामलों में टांग न अड़ायें। वाहन चलाते समय सावधानी रखनी आवश्यक है।
- ज्योतिषी प्रेमशंकर शर्मा, बीकानेर।
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मेष - आज ऑनलाइन शॉपिंग कर सकते हैं। आपको आज सम्मान मिल सकता है। कारोबार में अच्छी खासी सफलता मिलने के योग बन रहे हैं। प्रगतिशील विचारों का प्रभाव आपके करियर को नये आयाम दे सकता है। परिजनों की कोई बात बुरी लग सकती है।
वृषभ - आमोद-प्रमोद में दिन बीतेगा। अधूरे कार्यों को शीघ्रता से पूरा करेंगे। परिवार में किसी का स्वास्थ्य खराब हो सकता है। कार्यक्षेत्र में आपकी ख्याति बढ़ेगी। सोच-समझकर ही किसी मुद्दे पर अपनी राय दें।
मिथुन - जॉब और व्यापार में नयी तकनीकी का प्रयोग करेंगे। सही और गलत का निर्णय करने में चूक हो सकती है। अति आत्मविश्वास आपको भारी पड़ सकता है। दूर स्थान की यात्रा करने से बचें। प्रेम की अभिव्यक्ति में अतिश्योक्ति न करें।
कर्क - स्वास्थ्य को लेकर परेशानी रहेगी। दोपहर के बाद मन कुछ अशान्त हो सकता है। सहयोगी लोग आपकी भावनाओं का निरादर कर सकते हैं। जॉब में अस्थिरता जैसी स्थिति रहेगी। परिवार के सदस्यों के बीच अविश्वास की स्थिति बन सकती है।
सिंह - अपने सामाजिक दायरे को बढ़ाने का प्रयास करेंगे। शारीरिक रूप से स्वस्थ रहेंगे। मानसिक चिन्ता आज दूर हो सकती है। पुराने मित्रों से मिलाप होने के योग बन रहे हैं। आपका साहस और आत्मविश्वास बढ़ेगा।
कन्या - जीवनसाथी आपसे काफी प्रसन्न रहेगा। चुनौतियों का बेहतर सामना करेंगे। पारिवारिक मामलों में तनाव कम होगा। बच्चों की प्रगति से उत्साहित रहेंगे। सभी कार्यों में सफलता मिलेगी। प्रतिष्ठित लोगों से सहयोग मिलेगा।
तुला - आपके कार्य की प्रशंसा होगी। गूढ़ विद्याओं और उच्च शिक्षा में रुचि लेंगे। आपका कोई कर्ज उतर सकता है। शरीर में उत्साह और ऊर्जा का प्रभाव रहेगा। आपकी आय बहुत ही अच्छी रहेगी। वैवाहिक जीवन में सुख की अनुभूति होगी।
वृश्चिक - अनावश्यक खर्चे आपको परेशान कर सकते हैं। नजदीकी मित्रों का सहयोग मिलेगा। आपकी प्रतिभा का लोग सम्मान करेंगे। गुप्त बातें बाहर आ सकती हैं। भाग्य का साथ नहीं मिलेगा। धन के लेन-देन को लेकर परेशानी रहेगी।
धनु - नौकरी में आपको प्रमोशन मिल सकता है। समाज की भलाई का काम करेंगे। आपके अधिकार और योग्यता में वृद्धि होगी। आपकी जीवनशैली बहुत रोमांटिक रहेगी। उधार लिया हुआ धन वापस मिलेगा।
मकर - नये कार्यों का शुभारम्भ होने की सम्भावना है। व्यापार में तेजी रहेगी। आपकी दिनचर्या बहुत ही अच्छी रहेगी। राजनीति से जुड़े लोगों का सम्पर्क बढ़ेगा। परिवार के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने का प्रयास करेंगे।
कुम्भ - ज्ञान-विज्ञान में रुचि लेंगे। धार्मिक क्रियाकलापों में रुचि लेंगे। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले लोगो को सफलता मिलेगी। दूर स्थान की यात्रा सौभाग्यदायी रहेगी। बुजुर्ग रिश्तेदारों से काफी कुछ सीखने को मिलेगा।
मीन - लोग आपकी बातों का गलत मतलब निकाल सकते हैं। माता की सेहत को लेकर चिन्ता रहेगी। व्यापार में आपको कुछ नुकसान उठाना पड़ सकता है। अनावश्यक मामलों में टांग न अड़ायें। वाहन चलाते समय सावधानी रखनी आवश्यक है।
- ज्योतिषी प्रेमशंकर शर्मा, बीकानेर।
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