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पंचांग -
 
रविवार, जुलाई 19, 2020

जानिए भगवान भैरव, एक रहस्यमयी देवता

    भैरव का अर्थ होता है भय का हरण कर जगत का भरण करने वाला। ऐसा भी कहा जाता है कि भैरव शब्द के तीन अक्षरों में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों की शक्ति समाहित है। भैरव शिव के गण और पार्वती के अनुचर माने जाते हैं। हिंदू देवताओं में भैरव का बहुत ही महत्व है। इन्हें काशी का कोतवाल कहा जाता है।

    भैरव उत्पत्ति : उल्लेख है कि शिव के रूधिर से भैरव की उत्पत्ति हुई। बाद में उक्त रूधिर के दो भाग हो गए- पहला बटुक भैरव और दूसरा काल भैरव। मुख्‍यत: दो भैरवों की पूजा का प्रचलन है, एक काल भैरव और दूसरे बटुक भैरव।

    पुराणों में भगवान भैरव को असितांग, रुद्र, चंड, क्रोध, उन्मत्त, कपाली, भीषण और संहार नाम से भी जाना जाता है। भगवान शिव के पांचवें अवतार भैरव को भैरवनाथ भी कहा जाता है। नाथ सम्प्रदाय में इनकी पूजा का विशेष महत्व है।

    लोक देवता : लोक जीवन में भगवान भैरव को भैरू महाराज, भैरू बाबा, मामा भैरव, नाना भैरव आदि नामों से जाना जाता है। कई समाज के ये कुल देवता हैं और इन्हें पूजने का प्रचलन भी भिन्न-भिन्न है, जो कि विधिवत न होकर स्थानीय परम्परा का हिस्सा है। यह भी उल्लेखनीय है कि भगवान भैरव किसी के शरीर में नहीं आते।

पालिया महाराज : सड़क के किनारे भैरू महाराज के नाम से ज्यादातर जो ओटले या स्थान बना रखे हैं दरअसल वे उन मृत आत्माओं के स्थान हैं जिनकी मृत्यु उक्त स्थान पर दुर्घटना या अन्य कारणों से हो गई है। ऐसे किसी स्थान का भगवान भैरव से कोई संबंध नहीं। उक्त स्थान पर मत्था टेकना मान्य नहीं है।

    भैरव मंदिर : भैरव का प्रसिद्ध, प्राचीन और चमत्कारिक मंदिर उज्जैन और काशी में है। काल भैरव का उज्जैन में और बटुक भैरव का लखनऊ में मंदिर है। काशी विश्वनाथ मंदिर से भैरव मंदिर कोई डेढ़-दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। दूसरा नई दिल्ली के विनय मार्ग पर नेहरू पार्क में बटुक भैरव का पांडवकालीन मंदिर अत्यंत प्रसिद्ध है। तीसरा उज्जैन के काल भैरव की प्रसिद्धि का कारण भी ऐतिहासिक और तांत्रिक है। नैनीताल के समीप घोड़ा खाड़ का बटुकभैरव मंदिर भी अत्यंत प्रसिद्ध है। यहां गोलू देवता के नाम से भैरव की प्रसिद्धि है। इसके अलावा शक्तिपीठों और उपपीठों के पास स्थित भैरव मंदिरों का महत्व माना गया है।

    काल भैरव : काल भैरव का आविर्भाव मार्गशीर्ष कृष्ण अष्टमी को प्रदोष काल में हुआ था। यह भगवान का साहसिक युवा रूप है। उक्त रूप की आराधना से शत्रु से मुक्ति, संकट, कोर्ट-कचहरी के मुकदमों में विजय की प्राप्ति होती है। व्यक्ति में साहस का संचार होता है। सभी तरह के भय से मुक्ति मिलती है। काल भैरव को शंकर का रुद्रावतार माना जाता है।

    काल भैरव की आराधना के लिए मंत्र है- ।। ॐ भैरवाय नम:।।

    बटुक भैरव : 'बटुकाख्यस्य देवस्य भैरवस्य महात्मन:। ब्रह्मा विष्णु, महेशाधैर्वन्दित दयानिधे।।'
    अर्थात् ब्रह्मा, विष्णु, महेशादि देवों द्वारा वंदित बटुक नाम से प्रसिद्ध इन भैरव देव की उपासना कल्पवृक्ष के समान फलदायी है। बटुक भैरव भगवान का बाल रूप है। इन्हें आनंद भैरव भी कहते हैं। उक्त सौम्य स्वरूप की आराधना शीघ्र फलदायी है। यह कार्य में सफलता के लिए महत्वपूर्ण है।

उक्त आराधना के लिए मंत्र है-

।।ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाचतु य कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ॐ।।

    भैरव तंत्र : योग में जिसे समाधि पद कहा गया है, भैरव तंत्र में भैरव पद या भैरवी पद प्राप्त करने के लिए भगवान शिव ने देवी के समक्ष 112 विधियों का उल्लेख किया है जिनके माध्यम से उक्त अवस्था को प्राप्त हुआ जा सकता है।

    भैरव आराधना से शनि शांत : एकमात्र भैरव की आराधना से ही शनि का प्रकोप शांत होता है। आराधना का दिन रविवार और मंगलवार नियुक्त है। पुराणों के अनुसार भाद्रपद माह को भैरव पूजा के लिए अति उत्तम माना गया है। उक्त माह के रविवार को बड़ा रविवार मानते हुए व्रत रखते हैं। आराधना से पूर्व जान लें कि कुत्ते को कभी दुत्कारे नहीं बल्कि उसे भरपेट भोजन कराएं। जुआ, सट्टा, शराब, ब्याजखोरी, अनैतिक कृत्य आदि आदतों से दूर रहें। दांत और आंत साफ रखें। पवित्र होकर ही सात्विक आराधना करें। अपवि‍त्रता वर्जित है।

    भैरव चरित्र : भैरव के चरित्र का भयावह चित्रण कर तथा घिनौनी तांत्रिक क्रियाएं कर लोगों में उनके प्रति एक डर और उपेक्षा का भाव भरने वाले तांत्रिकों और अन्य पूजकों को भगवान भैरव माफ करें। दरअसल भैरव वैसे नहीं है जैसा कि उनका चित्रण किया गया है। वे मांस और मदिरा से दूर रहने वाले शिव और दुर्गा के भक्त हैं। उनका चरित्र बहुत ही सौम्य, सात्विक और साहसिक है।

    उनका कार्य है शिव की नगरी काशी की सुरक्षा करना और समाज के अपराधियों को पकड़कर दंड के लिए प्रस्तुत करना। जैसे एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, जिसके पास जासूसी कुत्ता होता है। उक्त अधिकारी का जो कार्य होता है वही भगवान भैरव का कार्य है।







मेष - कार्यों में आ रहे विघ्न आज समाप्त होंगे। नौकरी में मनाचाहा स्थानान्तरण मिल सकता है। सार्वजनिक क्षेत्र में आपकी जान-पहचान बढ़ेगी। शेयर मार्केट में निवेश करने का मन बनायेंगे। अपनी ऊर्जा का बेहतर उपयोग कर पायेंगे, जिससे स्वास्थ्य भी काफी अच्छा रहेगा।

वृषभ - घर में कई मेहमान आ सकते हैं। सोशल डिस्टेन्सिंग का कड़ाई से पालन करें। आपके स्वभाव में ईर्ष्या और आडम्बर का प्रभाव रहेगा। शारीरिक रूप से दुर्बल महसूस करेंगे। महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले बड़ों की सलाह अवश्य लें।

मिथुन - कुछ नया सीखने की प्रवृत्ति रहेगी। अपने काम के प्रति ईमानदार रहें। अधिकारी वर्ग आपसे काफी प्रसन्न रहेगा। पारिवारिक वातावरण आपके प्रति सहयोगात्मक रहेगा। कार्यक्षेत्र में नये मित्र बन सकते हैं।

कर्क - लोक व्यवहार में धन उधार देना पड़ सकता है। अपनी प्राथमिकताओं को लेकर स्पष्ट नहीं रहेंगे। शरीर में चुस्ती-फुर्ती की कमी रहेगी। परिवार को पूरा समय नहीं दे पायेंगे। आय से अधिक व्यय की सम्भावना है।

सिंह - व्यापार में आर्थिक उन्नति होगी। अपनी बातों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करेंगे। सम्पत्ति सम्बन्धी कार्यों में आ रहे अवरोध दूर होंगे। कार्यक्षेत्र में आपकी छवि मजबूत होगी। उच्च पद की प्राप्ति भी होने की सम्भावना है।

कन्या - कुछ नया कार्य आरम्भ करने के लिये दिन शुभ है। समय आपके लिये अनुकूल रहने वाला है। कार्यक्षेत्र के विरोधी कमजोर पड़ेंगे। सरकारी कार्यों में आ रही बाधा दूर होगी। अकस्मात क्रोध करने से बचें।

तुला - ज्यादा भागदौड़ करने से बचें। आपका दिन कठिनाइयों से भरा रहेगा। लम्बी दूरी की यात्रा में जा सकते हैं। बुजुर्ग लोगों के साथ बहसबाजी करने से बचें। धन प्राप्ति के मार्ग अवरुद्ध हो सकते हैं।

वृश्चिक - आलस्य और प्रमाद में दिन का समय खराब न करें। रोजगार को लेकर परेशानी बढ़ेगी। लोगों का व्यवहार आपके प्रति खराब हो सकता है। दिन की शुरुआत में तनाव ज्यादा रहेगा। ससुराल पक्ष से कोई बुरी सूचना मिल सकती है।

धनु - व्यापार में नयी डील हो सकती है। पारस्परिक रिश्तों में आकर्षण रहेगा। कोई अच्छी सूचना आज आपको मिलेगी। दाम्पत्य जीवन की कटुता आज दूर होगी। भोग और विलास में विशेष रुचि लेंगे।

मकर - दिन आपका काफी बेहतर रहने वाला है। एक साथ कई सारे काम आने से दुविधा उत्पन्न होगी। सहकर्मियों के व्यवहार से परेशान हो सकते हैं। सर्द-गर्म की समस्या हो सकती है। अपनी जॉब में बदलाव करने का विचार बनायेंगे।

कुम्भ - आपको धैर्यवान होकर काम करना चाहिये। अपनी योग्यता को लेकर सन्देह न करें। आपको प्रयासों में सफलता नहीं मिलेगी। लव पार्टनर के साथ अपना व्यवहार खराब न रखें। आपकी निर्णय लेने की क्षमता कमजोर होगी।

मीन - लोग आपके ऊपर विश्वास नहीं करेंगे। माता की सेहत की चिन्ता रहेगी। घरेलू आवश्यकताओं को लेकर विवाद हो सकता है। दिन मिश्रित फल दायक रहेगा। दिनचर्या अस्त-व्यस्त हो सकती है। वाहन चलाते समय सावधानी रखें।

- ज्योतिषी प्रेमशंकर शर्मा, बीकानेर।



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