पंचांग - गुरुवार, जुलाई 16, 2020
सिंहाचलम मंदिर, विशाखापट्टनम
श्री वाराह लक्ष्मी नरसिंह मन्दिर एक प्रसिद्ध हिन्दू मन्दिर है जो आन्ध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में सिंहाचलम (=सिंह + अचलम = सिंह पर्वत) पहाड़ी पर स्थित है। यह समुद्र तल से ५०० मीटर ऊँचाई पर है। यह भगवान विष्णु के 'वाराह नरसिंह' रूप का मन्दिर है। केवल अक्षय तृतीय को छोड़कर बाकी दिन यह मूर्ति चन्दन से ढकी रहती है जिससे यह मूर्ति 'शिवलैंग' जैसा प्रतीत होती है।
अक्षय तृतीया के पवित्र दिन (वैशाख मास) सिंहाचल पर्वत की छटा ही निराली होती है। इस पवित्र दिन यहाँ विराजमान श्री लक्ष्मीनृसिंह भगवान का चन्दन से श्रृंगार किया जाता है। माना जाता है कि भगवान की प्रतिमा का वास्तविक स्वरूप केवल इसी दिन देखा जा सकता है। सिंहाचल क्षेत्र ग्यारहवीं शताब्दी में बने विश्व के गिने-चुने प्राचीन मंदिरों में से एक माना जाता है।
‘सिंहाचल’ शब्द का अर्थ है सिंह का पर्वत। यह पर्वत भगवान विष्णु के चौथे अवतार प्रभु नृसिंह का निवास स्थान माना जाता है। माना जाता है कि इस स्थान पर भगवान नृसिंह अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा के लिए अवतरित हुए थे।
स्थल पुराण के अनुसार भक्त प्रहलाद ने ही इस स्थान पर नृसिंह भगवान का पहला मंदिर बनवाया था। भक्त प्रहलाद ने यह मंदिर नृसिंह भगवान द्वारा उनके पिता के संहार के पश्चात बनवाया था। परन्तु कृतयुग के पश्चात इस मंदिर का रखरखाव नहीं हो सका और यह मंदिर गर्त में समा गया। कालान्तर में लुनार वंश के पुरुरवा ने एक बार फिर इस मंदिर की खोज की और इसका पुनर्निर्माण करवाया।
माना जाता है ऋषि पुरुरवा एक बार अपनी पत्नी उर्वशी के साथ वायु मार्ग से भ्रमण कर रहे थे। यात्रा के दौरान उनका विमान किसी नैसर्गिक शक्ति से प्रभावित होकर दक्षिण के सिंहाचल क्षेत्र में जा पहुँचा। उन्होंने देखा कि प्रभु की प्रतिमा धरती के गर्भ में समाहित है। उन्होंने इस प्रतिमा को निकाला और उस पर जमी धूल साफ की। इस दौरान एक आकाशवाणी हुई कि इस प्रतिमा को साफ करने के बजाय इसे चन्दन के लेप से ढाँककर रखा जाए।
इस आकाशवाणी में उन्हें यह भी आदेश मिला कि इस प्रतिमा के शरीर से साल में केवल एक बार, वैशाख माह के तीसरे दिन चन्दन का यह लेप हटाया जाएगा और वास्तविक प्रतिमा के दर्शन प्राप्त हो सकेंगे। आकाशवाणी का अनुसरण करते हुए इस प्रतिमा पर चन्दन का लेप किया गया और साल में केवल एक बार ही इस प्रतिमा से लेप हटाया जाता है। तब से श्री लक्ष्मीनृसिंह स्वामी भगवान की प्रतिमा को सिंहाचल में ही स्थापित कर दिया गया।
आंध्रप्रदेश के विशाखापट्टनम में स्थित यह मंदिर विश्व के प्राचीन मंदिरों में से एक माना जाता है जिसका निर्माण पूर्वी गंगायो में तेरहवीं शताब्दी में करवाया गया था। यह समुद्री तट से 800 फुट ऊँचा है और उत्तरी विशाखापट्टनम से 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
मंदिर पहुँचने का मार्ग अनन्नास, आम आदि फलों के पेड़ों से सजा हुआ है। मार्ग में राहगीरों के विश्राम के लिए हजारों की संख्या में बड़े पत्थर इन पेड़ों की छाया में स्थापित हैं। मंदिर तक चढ़ने के लिए सीढ़ी का मार्ग है, जिसमें बीच-बीच में तोरण बने हुए हैं।
शनिवार और रविवार के दिन इस मंदिर में हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। साथ ही यहाँ दर्शन करने के लिए सबसे उपयुक्त समय अप्रैल से जून तक का होता है। यहाँ पर मनाए जाने वाले मुख्य पर्व हैं वार्षिक कल्याणम (चैत्र शुद्ध एकादशी) तथा चन्दन यात्रा (वैशाख माह का तीसरा दिन)।
स्थल मार्ग - विशाखापट्टनम हैदराबाद से 650 और विजयवाड़ा से 350 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस स्थान के लिए नियमित रूप से हैदराबाद, विजयवाड़ा, भुवनेश्वर, चेन्नई और तिरुपति से बस सेवा उपलब्ध है।
रेल मार्ग - विशाखापट्टनम चेन्नई-कोलकाता रेल लाइन का मुख्य स्टेशन माना जाता है। साथ ही यह नई दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता और हैदराबाद से भी सीधे जुड़ा हुआ है।
वायु मार्ग- यह स्थान हैदराबाद, चेन्नई, कोलकता, नई दिल्ली और भुवनेश्वर से वायु मार्ग द्वारा सीधे जुड़ा हुआ है। इंडियन एयरलाइन्स की फ्लाइट इस स्थान के लिए सप्ताह में पाँच दिन चेन्नई, नई दिल्ली और कोलकाता से उपलब्ध है।
मेष - अधूरे पड़े कार्य पूरे हो सकते हैं। नयी योजनाओं का क्रियान्वयन होगा। परिजनों के साथ संवादहीनता कम करने की आवश्यकता है। खर्च बढ़ने से बजट गड़बड़ा सकता है।
वृषभ - अपना काम समय पर करने की कोशिश करें। सगे-सम्बन्धियों का घर में आगमन हो सकता है। शुभ और अनुकूल समाचार मिल सकते हैं। घर की शोभा बढ़ाने के लिये कुछ इंटीरियर में बदलाव करवाने का विचार उत्पन्न होगा। कारोबार में आ रही चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना करेंगे।
मिथुन - अपनी क्षमता से ज्यादा धन खर्च करना आपके लिये फिलहाल सही नहीं है। अपनी आवश्यकताओं के लिये दूसरों पर निर्भर न रहें। चलते हुये कार्यों में रुकावट आ सकती है। गुप्त शत्रुओं से सतर्क रहें। नये प्रेम प्रसंग परिवार में तनाव का कारण बन सकते हैं।
कर्क - बीमार व्यक्तियों को स्वास्थ्य लाभ होगा। नये सम्बन्ध लाभप्रद सिद्ध होंगे। व्यस्तता के बावजूद मनोरंजन के लिये समय निकाल लेंगे। कारोबार से जुड़े लोगों की प्रतिष्ठा बढ़ेगी। छूटे हुये अवसर आज फिर आपके हाँथ लग सकते हैं।
सिंह - कामकाज को लेकर थकान हो सकती है। सामाजिक कार्यों में भाग लेंगे। प्रशासन से जुड़े लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। व्यापार में अतिरिक्त निवेश करने की आवश्यकता महसूस होगी। अपने काम से काम रखने में ही आपकी भलाई है। अपने व्यवहार में नम्रता लाना आपके लिये बेहद आवश्यक है।
कन्या - विवादों का निपटारा होगा। आध्यात्मिक विचारों के प्रभाव में रहेंगे। बुजुर्ग परिजनों के साथ गूढ़ विषयों पर चर्चा हो सकती है। विद्यार्थी अपनी पढ़ाई के प्रति गम्भीर रहेंगे। बॉस उच्चाधिकारियों के समक्ष आपका पक्ष लेंगे।
तुला - लापरवाही भारी पड़ सकती है। काम के प्रति गम्भीरता कम रहेगी। मन में नये किन्तु अव्यवहारिक विचार उत्पन्न होंगे। भावुक होकर निर्णय लेने से बचें। यदि सम्भव हो तो आज यात्रा न करें।
वृश्चिक - वैवाहिक सुख में वृद्धि होगी। आपकी मेहनत का सुखद परिणाम प्राप्त होगा। बड़े कारोबारी अनुबन्ध होने की सम्भावना है। प्रतिष्ठित व्यक्तियों से सम्बन्ध लाभकारी रहेगा। घर में किसी मांगलिक कार्य को लेकर चर्चा और तैयारी होगी।
धनु - कार्यक्षेत्र में आपका प्रभाव बढ़ेगा। विपरीत परिस्थितियों में आप ज्यादा बेहतर कार्य कर पायेंगे। उच्च पदस्थ लोगों की नाराजगी झेलनी पड़ेगी। कोई मूल्यवान वस्तु गुम हो सकती है। घर के लोग आपसे जो उम्मीद रखेंगे आप उस पर खरा उतरेंगे।
मकर - अपनी कार्यपद्धति में बदलाव कर सकते हैं। मित्रों का भरपूर सहयोग मिलेगा। जीवनसाथी के व्यवहार से क्षुब्ध हो सकते हैं। प्रेम सम्बन्धों को लेकर उत्साहित रहेंगे। दिन काफी अच्छा बीतेगा।
कुम्भ - काम में मन नहीं लगेगा। भोग-विलास और आराम भरा दिन व्यतीत होगा। यदि खुश रहना चाहते हैं तो स्वयं के साथ दूसरों के विचारों को भी महत्व दें। अधीनस्थ कर्मचारियों से मनमुटाव हो सकता है। दाम्पत्य जीवन में कड़वाहट हो सकती है।
मीन - सन्तान की प्रगति से उत्साहित रहेंगे। नये सम्पर्कों का लाभ मिलेगा। भाई-बहनों के जीवन में कुछ शुभ घटित होगा। स्वादिष्ट भोजन का आनन्द उठायेंगे। गृहस्थ जीवन में सुख का वातावरण रहेगा।
- ज्योतिषी प्रेमशंकर शर्मा, बीकानेर।
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श्री वाराह लक्ष्मी नरसिंह मन्दिर एक प्रसिद्ध हिन्दू मन्दिर है जो आन्ध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में सिंहाचलम (=सिंह + अचलम = सिंह पर्वत) पहाड़ी पर स्थित है। यह समुद्र तल से ५०० मीटर ऊँचाई पर है। यह भगवान विष्णु के 'वाराह नरसिंह' रूप का मन्दिर है। केवल अक्षय तृतीय को छोड़कर बाकी दिन यह मूर्ति चन्दन से ढकी रहती है जिससे यह मूर्ति 'शिवलैंग' जैसा प्रतीत होती है।
अक्षय तृतीया के पवित्र दिन (वैशाख मास) सिंहाचल पर्वत की छटा ही निराली होती है। इस पवित्र दिन यहाँ विराजमान श्री लक्ष्मीनृसिंह भगवान का चन्दन से श्रृंगार किया जाता है। माना जाता है कि भगवान की प्रतिमा का वास्तविक स्वरूप केवल इसी दिन देखा जा सकता है। सिंहाचल क्षेत्र ग्यारहवीं शताब्दी में बने विश्व के गिने-चुने प्राचीन मंदिरों में से एक माना जाता है।
‘सिंहाचल’ शब्द का अर्थ है सिंह का पर्वत। यह पर्वत भगवान विष्णु के चौथे अवतार प्रभु नृसिंह का निवास स्थान माना जाता है। माना जाता है कि इस स्थान पर भगवान नृसिंह अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा के लिए अवतरित हुए थे।
स्थल पुराण के अनुसार भक्त प्रहलाद ने ही इस स्थान पर नृसिंह भगवान का पहला मंदिर बनवाया था। भक्त प्रहलाद ने यह मंदिर नृसिंह भगवान द्वारा उनके पिता के संहार के पश्चात बनवाया था। परन्तु कृतयुग के पश्चात इस मंदिर का रखरखाव नहीं हो सका और यह मंदिर गर्त में समा गया। कालान्तर में लुनार वंश के पुरुरवा ने एक बार फिर इस मंदिर की खोज की और इसका पुनर्निर्माण करवाया।
माना जाता है ऋषि पुरुरवा एक बार अपनी पत्नी उर्वशी के साथ वायु मार्ग से भ्रमण कर रहे थे। यात्रा के दौरान उनका विमान किसी नैसर्गिक शक्ति से प्रभावित होकर दक्षिण के सिंहाचल क्षेत्र में जा पहुँचा। उन्होंने देखा कि प्रभु की प्रतिमा धरती के गर्भ में समाहित है। उन्होंने इस प्रतिमा को निकाला और उस पर जमी धूल साफ की। इस दौरान एक आकाशवाणी हुई कि इस प्रतिमा को साफ करने के बजाय इसे चन्दन के लेप से ढाँककर रखा जाए।
इस आकाशवाणी में उन्हें यह भी आदेश मिला कि इस प्रतिमा के शरीर से साल में केवल एक बार, वैशाख माह के तीसरे दिन चन्दन का यह लेप हटाया जाएगा और वास्तविक प्रतिमा के दर्शन प्राप्त हो सकेंगे। आकाशवाणी का अनुसरण करते हुए इस प्रतिमा पर चन्दन का लेप किया गया और साल में केवल एक बार ही इस प्रतिमा से लेप हटाया जाता है। तब से श्री लक्ष्मीनृसिंह स्वामी भगवान की प्रतिमा को सिंहाचल में ही स्थापित कर दिया गया।
आंध्रप्रदेश के विशाखापट्टनम में स्थित यह मंदिर विश्व के प्राचीन मंदिरों में से एक माना जाता है जिसका निर्माण पूर्वी गंगायो में तेरहवीं शताब्दी में करवाया गया था। यह समुद्री तट से 800 फुट ऊँचा है और उत्तरी विशाखापट्टनम से 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
मंदिर पहुँचने का मार्ग अनन्नास, आम आदि फलों के पेड़ों से सजा हुआ है। मार्ग में राहगीरों के विश्राम के लिए हजारों की संख्या में बड़े पत्थर इन पेड़ों की छाया में स्थापित हैं। मंदिर तक चढ़ने के लिए सीढ़ी का मार्ग है, जिसमें बीच-बीच में तोरण बने हुए हैं।
शनिवार और रविवार के दिन इस मंदिर में हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। साथ ही यहाँ दर्शन करने के लिए सबसे उपयुक्त समय अप्रैल से जून तक का होता है। यहाँ पर मनाए जाने वाले मुख्य पर्व हैं वार्षिक कल्याणम (चैत्र शुद्ध एकादशी) तथा चन्दन यात्रा (वैशाख माह का तीसरा दिन)।
स्थल मार्ग - विशाखापट्टनम हैदराबाद से 650 और विजयवाड़ा से 350 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस स्थान के लिए नियमित रूप से हैदराबाद, विजयवाड़ा, भुवनेश्वर, चेन्नई और तिरुपति से बस सेवा उपलब्ध है।
रेल मार्ग - विशाखापट्टनम चेन्नई-कोलकाता रेल लाइन का मुख्य स्टेशन माना जाता है। साथ ही यह नई दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता और हैदराबाद से भी सीधे जुड़ा हुआ है।
वायु मार्ग- यह स्थान हैदराबाद, चेन्नई, कोलकता, नई दिल्ली और भुवनेश्वर से वायु मार्ग द्वारा सीधे जुड़ा हुआ है। इंडियन एयरलाइन्स की फ्लाइट इस स्थान के लिए सप्ताह में पाँच दिन चेन्नई, नई दिल्ली और कोलकाता से उपलब्ध है।
मेष - अधूरे पड़े कार्य पूरे हो सकते हैं। नयी योजनाओं का क्रियान्वयन होगा। परिजनों के साथ संवादहीनता कम करने की आवश्यकता है। खर्च बढ़ने से बजट गड़बड़ा सकता है।
वृषभ - अपना काम समय पर करने की कोशिश करें। सगे-सम्बन्धियों का घर में आगमन हो सकता है। शुभ और अनुकूल समाचार मिल सकते हैं। घर की शोभा बढ़ाने के लिये कुछ इंटीरियर में बदलाव करवाने का विचार उत्पन्न होगा। कारोबार में आ रही चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना करेंगे।
मिथुन - अपनी क्षमता से ज्यादा धन खर्च करना आपके लिये फिलहाल सही नहीं है। अपनी आवश्यकताओं के लिये दूसरों पर निर्भर न रहें। चलते हुये कार्यों में रुकावट आ सकती है। गुप्त शत्रुओं से सतर्क रहें। नये प्रेम प्रसंग परिवार में तनाव का कारण बन सकते हैं।
कर्क - बीमार व्यक्तियों को स्वास्थ्य लाभ होगा। नये सम्बन्ध लाभप्रद सिद्ध होंगे। व्यस्तता के बावजूद मनोरंजन के लिये समय निकाल लेंगे। कारोबार से जुड़े लोगों की प्रतिष्ठा बढ़ेगी। छूटे हुये अवसर आज फिर आपके हाँथ लग सकते हैं।
सिंह - कामकाज को लेकर थकान हो सकती है। सामाजिक कार्यों में भाग लेंगे। प्रशासन से जुड़े लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। व्यापार में अतिरिक्त निवेश करने की आवश्यकता महसूस होगी। अपने काम से काम रखने में ही आपकी भलाई है। अपने व्यवहार में नम्रता लाना आपके लिये बेहद आवश्यक है।
कन्या - विवादों का निपटारा होगा। आध्यात्मिक विचारों के प्रभाव में रहेंगे। बुजुर्ग परिजनों के साथ गूढ़ विषयों पर चर्चा हो सकती है। विद्यार्थी अपनी पढ़ाई के प्रति गम्भीर रहेंगे। बॉस उच्चाधिकारियों के समक्ष आपका पक्ष लेंगे।
तुला - लापरवाही भारी पड़ सकती है। काम के प्रति गम्भीरता कम रहेगी। मन में नये किन्तु अव्यवहारिक विचार उत्पन्न होंगे। भावुक होकर निर्णय लेने से बचें। यदि सम्भव हो तो आज यात्रा न करें।
वृश्चिक - वैवाहिक सुख में वृद्धि होगी। आपकी मेहनत का सुखद परिणाम प्राप्त होगा। बड़े कारोबारी अनुबन्ध होने की सम्भावना है। प्रतिष्ठित व्यक्तियों से सम्बन्ध लाभकारी रहेगा। घर में किसी मांगलिक कार्य को लेकर चर्चा और तैयारी होगी।
धनु - कार्यक्षेत्र में आपका प्रभाव बढ़ेगा। विपरीत परिस्थितियों में आप ज्यादा बेहतर कार्य कर पायेंगे। उच्च पदस्थ लोगों की नाराजगी झेलनी पड़ेगी। कोई मूल्यवान वस्तु गुम हो सकती है। घर के लोग आपसे जो उम्मीद रखेंगे आप उस पर खरा उतरेंगे।
मकर - अपनी कार्यपद्धति में बदलाव कर सकते हैं। मित्रों का भरपूर सहयोग मिलेगा। जीवनसाथी के व्यवहार से क्षुब्ध हो सकते हैं। प्रेम सम्बन्धों को लेकर उत्साहित रहेंगे। दिन काफी अच्छा बीतेगा।
कुम्भ - काम में मन नहीं लगेगा। भोग-विलास और आराम भरा दिन व्यतीत होगा। यदि खुश रहना चाहते हैं तो स्वयं के साथ दूसरों के विचारों को भी महत्व दें। अधीनस्थ कर्मचारियों से मनमुटाव हो सकता है। दाम्पत्य जीवन में कड़वाहट हो सकती है।
मीन - सन्तान की प्रगति से उत्साहित रहेंगे। नये सम्पर्कों का लाभ मिलेगा। भाई-बहनों के जीवन में कुछ शुभ घटित होगा। स्वादिष्ट भोजन का आनन्द उठायेंगे। गृहस्थ जीवन में सुख का वातावरण रहेगा।
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