जरुर करें आज के दर्शन, देखें पंचांग और दैनिक राशिफल

पंचांग - 
सोमवार, जून 22, 2020

त्रयंबकेश्वर, नासिक

    12 ज्योतिर्लिंगों में से आठवां ज्योतिर्लिंग त्रयंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग है जो महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित है। यहीं ब्रह्मगिरि पर्वत से गोदावरी नदी बहती है। इस ज्योतिर्लिंग की कथा के बारे में हम विस्तार से जानेंगे। इस ज्योतिर्लिंग कथा से जुड़ी माँ गंगा के पृथ्वी पर पुनः आगमन की कथा भी है। यह मंदिर नासिक के त्रयंबक नामक स्थान पर ब्रह्मगिरि पर्वत के पास स्थित है। मंदिर के अंदर तीन छोट -छोटे लिंग हैं, जिन्हे ब्रह्मा, विष्णु और महेश भगवन का प्रतीक माना जाता है। यही केवल ऐसा ज्योतिर्लिंग है जहाँ तीनो ब्रह्मा, विष्णु और महेश साथ विराजते हैं।

    एक बार की बात है कई वर्षों तक वर्षा नहीं हुई थी। वर्षा न होने के कारण लोगों ने इस जगह से पलायन करना उचित समझा और धीरे – धीरे वहां से पलायन करने लगे। इस बात से चिंतित होकर महर्षि गौतम ने 6 महीनों के लिए तपस्या की। तब उनकी इस घोर तपस्या से वरुण देव जी अत्यंत प्रसन्न हुए और वहां प्रकट हुए औरमहर्षि गौतम से बोले कि आप एक गड्ढा खोदिये। महर्षि गौतम ने एक गड्ढा खोदा। तब वरुण देव जी ने उस गड्ढे को जल से भर दिया। जल भरने के बाद वहां पेड़ – पौधे उगने शुरू हो गए और सब जगह हरियाली छा गयी और सभी मनुष्य, पशु – पक्षी जो पलायन कर गए थे यहाँ आ गए। तब सभी लोगों ने महर्षि गौतम जी की प्रशंसा की।एक बार उसी गड्ढे से महर्षि गौतम जी के शिष्य जल लेने गये और उसी समय अन्य ऋषियों की पत्नियां भी वहां अपना-अपना घड़ा लेके आ गयी। महर्षि गौतम जी के शिष्य और ऋषियों की पत्नियां आपस में झगड़ने लगे कि पहले जल हम लेंगे।इतने में ही माँ अहिल्या वहां आयीं। उन्होंने कहा कि ये बालक आप लोगों से पहले यहाँ आ गए थे। इसीलिए पहले इन्हे जल लेने दिया जाए। इस बात से ऋषियों की पत्नियों को बुरा लगा। उन्हें लगा कि माँ अपने शिष्यों का पक्ष ले रही हैं। यह जल भी तो महर्षि गौतम के द्वारा मिला है। तभी  ये जल पहले इन बालकों को प्रदान करवा रही हैं। तब उन सभी स्त्रियों ने ये बात अपने-अपने पतियों को घर जाकर बड़ा-चढ़ा कर बताई। ऋषियों को गुस्सा आया और उन सभी ने महर्षि गौतम से बदला लेने का सोचा। उन सभी ने भगवान गणेश जी की पूजा-अर्चना करना शुरू कर दिया। तब प्रसन्न होकर वहां गणेश जी भगवान प्रकट हुए। उन सभी ऋषियों ने महर्षि गौतम को नीचा दिखाने के लिए भगवान गणेश जी से सहायता मांगी। तब गणेश जी ने कहा कि ऐसे महर्षि के साथ ऐसा व्यवहार करना उचित नहीं है।

    उन्होंने ही तो आप सभी को जल प्रदान करवाया है। लेकिन उन ऋषियों ने भगवान गणेश जी से बहुत हठ किया तब गणेश जी को उन ऋषियों की बात माननी पड़ी लेकिन गणेश जी ने चेतावनी भी दी कि यदि तुम सब कुछ गलत करोगे तो उसका परिणाम सही नहीं होगा। एक दिन गणेश जी एक दुर्बल गाय का रूप धारण करके महर्षि गौतम के धान के खेत में गए। तब गौतम ऋषि ने देखा कि ये गाय तो अत्यंत दुर्बल है और उसे अपने हाथ से खाना खिलाने लगे। जैसे ही धन के तिनके का स्पर्श हुआ वह गाय ज़मीन पर गिर पड़ी और उसकी तुरंत मृत्यु हो गयी।

    वहां छुपे हुए अन्य ऋषि व उनकी पत्नियां सब देख रहे थे और गाय की मृत्यु होने पर वे सब तुरंत बाहर निकल आये। वे सब महर्षि पर आरोप लगाने लगे कि तुम्हारे कारण गाय मर गयी, तुम ही इसके हत्यारे हो। वे सब बोले कि जब तक तुम यहाँ रहोगे तब तक पितृ गण और अग्नि देव हमारे हवन को ग्रहण नहीं करेंगे। तुम एक गौ हत्यारे हो, तुम्हे अपने परिवार के साथ कहीं और जाकर रहना चाहिए। तब महर्षि गौतम त्र्यंबक से दूर चले गए और कहीं आश्रम बनाकर रहने लगे। यहाँ भी ऋषि उन्हें बहुत परेशान करने लगे और पूजा, हवन , यज्ञ आदि करने से रोकने लगे।

    तब गौतम जी ने गौहत्या शुद्धि के लिए सबसे प्रार्थना की। तब उन ऋषियों ने कहा कि यदि तुम अपने पाप को प्रकट करते हुए तीन बार पृथ्वी की परिक्रमा करते हो, फिर यहीं वापस आकर एक महीने तक व्रत करते हो फिर उसके बात ब्रह्मगिरी पर्वत की 100 बार परिक्रमा करते हो तभी उसके बाद ही तुम्हारी शुद्धि होगी। या फिर यहाँ गंगा जी का जल लाकर उसी से स्नान करो और एक करोड़ पार्थिव लिंग बनाकर महादेव शिव जी की आराधना करो। फिर इसके बाद गंगा में स्नान करके ब्रह्मगिरी पर्वत की 11 बार परिक्रमा करो।  फिर इसके बाद 100 घड़ों के जल से पार्थिव शिवलिंग को स्नान कराने के बाद ही तुम्हारा उद्धार होगा। ऋषियों के कहे अनुसार ही महर्षि गौतम ने ठीक वैसा ही किया।

    माँ अहिल्या ने भी अपने पति का इसमें साथ दिया। इस प्रकार भगवान शिव जी अत्यंत प्रसन्न हुए और वहां प्रकट होकर बोले कि आप मनचाहा वर मांग सकते हो। गौतम ऋषि ने कहा कि मुझे गौ हत्या मुक्त कर दो। इस पाप से मुझे मुक्त कर दो। तब भगवान शिव जी ने कहा की महर्षि आप सदा ही निष्पाप हो। इन दुष्टों ने ही तुम्हारे साथ छल किया है। तुम पहले से ही गंगा की तरह पवित्र हो। उन पापियों का कभी उद्धार नहीं होगा क्योंकि उन सबने मिलकर आपके साथ छल किया है। तब महर्षि ऋषि ने कहा कि यदि ऐसा ये ऋषि न करते तो मुझे आपके दर्शन भी कभी न होते। यदि आप मुझसे प्रसन्न हैं तो मुझे माँ गंगा प्रदान कीजिये।तब शिव जी ने माँ गंगा को धरती पर फिरसे अवतरित होने को कहा। तब माँ गंगा ने कहा कि मैं यहाँ तभी निवास करुँगी जब आप अपने परिवार के साथ यहाँ लिंग रूप में निवास करेंगे। तब शिव जी न कहा तथास्तु। देवतागण बोले कि जब-जब वृहस्पति, सिंह राशि में प्रवेश करेंगे तब सभी देव गण यहाँ पधारेंगे। इस प्रकार वहां माँ गंगा गोदावरी रूप में विख्यात हैं और शिव जी वहां त्रम्ब्केश्वर ज्योतिर्लिंग नाम से विराजमान हैं। यहाँ आने वाले हर एक भक्तगण की मनोकामना पूर्ण होती है। दूर – दूर से भक्तगण इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने के लिए आते हैं और पाप मुक्त होते हैं। यहाँ शिव भगवान जी सभी मनुष्यों की मनोकामना पूर्ण करते हैं।

दैनिक राशिफल

मेष - अपनी योग्यता का भरपूर लाभ उठा पायेंगे। आपका मनोबल बढ़ा हुआ रहेगा। दोपहर के बाद जॉब की परिस्थितियाँ अनुकूल रहने की सम्भावना है। सॉफ्टवेयर और मीडिया से जुड़े लोगों को बेहतर करने की प्रेरणा मिलेगी। आपकी मेहनत रँग लायेगी।

वृषभ - गृहस्थ जीवन में कुछ समस्यायें आ सकती हैं। मानसिक रूप से अशान्त हो सकते हैं। सही निर्णय ले पाने में असमर्थता महसूस होगी। राजनीति से जुड़े लोगों को सम्भल कर रहना चाहिये। धन के उधार लेन-देन से बचना उचित होगा।

मिथुन - भोग-विलास में वृद्धि होगी। दोपहर के बाद स्वास्थ्य को लेकर थोड़ा सतर्क रहना चाहिये। अचानक धन लाभ होने के योग बन रहे हैं। ससुराल से कोई शुभ समाचार मिल सकता है। सामाजिक कार्यों में सहभागिता रखने का प्रयास करेंगे।

कर्क - कारोबार में समस्या आ सकती है। खर्चे सामान्य से ज्यादा हो सकते हैं। लवमेट्स के लिये दिन अनुकूल नहीं रहेगा। कार्यों में एकाग्रता का अभाव रहेगा। काफी मेहनत के पश्चात भी कार्य सही समय पर पूरा होने में कठिनायी आयेगी। लोग आपको परेशान करने की मंशा रख सकते हैं।

सिंह - दाम्पत्य जीवन में खुशियाँ रहेंगी। आपका स्वास्थ्य काफी अच्छा रहेगा। आपके प्रयासों में सफलता मिलेगी। कारोबार में नया निवेश कर सकते हैं। आपके मान-सम्मान में वृद्धि होगी। आपकी सोच सकारात्मक रहेगी।

कन्या - अपने निर्णयों पर विश्वास रखें। परिस्थितियों का लाभ उठा पायेंगे। जॉब में आपकी प्रतिष्ठा बढ़ेगी। बच्चों को समय दें। करियर में उन्नति के लिये प्रयास करेंगे। अपने व्यवहार को लेकर सतर्क रहें। नये कारोबार शुरू करने के अवसर प्राप्त होंगे।

तुला - घर के बुजुर्गों के स्वास्थ्य की चिन्ता रहेगी। पेट में दर्द हो सकता है। बिन मांगी सलाह लेने और देने से बचें। शिक्षा में बाधा आ सकती है। भावुक होकर महत्वपूर्ण निर्णय न करें। उच्चाधिकारियों के साथ अपना व्यवहार अच्छा रखें।

वृश्चिक - धन को लेकर लापरवाही करने से बचें। दाम्पत्य सम्बन्धों में तनाव आने के योग बन रहे हैं। राजनीति से जुड़े लोगों को गम्भीरता रखने की आवश्यकता है। मन में अज्ञात भय रहेगा। रक्तचाप के रोगियों को स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना पड़ेगा।

धनु - रुके हुये कार्य आज पूरे हो जायेंगे। संघर्ष के बाद सफलता मिलेगी। जॉब के साथ जीवनसाथी को भी भरपूर समय देना होगा। पुराने मित्रों से मिलने का अवसर मिलेगा। अपने कार्य को लेकर एकाग्र रहेंगे। व्यापार में तनावपूर्ण स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है।

मकर नये कार्य की शुरुआत कर सकते हैं। विवादित मामलों से दूर रहना चाहिये। व्यवसाय में नये अनुबन्ध हो सकते हैं। स्वास्थ्य काफी अच्छा रहेगा। प्रशासन से जुड़े लोगों के लिये दिन बेहतरीन रहने वाला है। परिवार का वातावरण खुशहाल रहेगा।

कुम्भ - मनोरंजन के कार्यों में रुचि लेंगे। कार्यक्षेत्र में अपनी प्रतिभा का सही मायनों में प्रयोग कर पायेंगे। विद्यार्थियों का पढ़ाई में मन नहीं लगेगा। पारिवारिक जीवन में असन्तोष रहेगा। प्रेम सम्बन्धों को लेकर तनाव हो सकता है।

मीन - आपकी आय में वृद्धि होने के योग बन रहे हैं। मन में किसी पुरानी समस्या को लेकर परेशानी हो सकती है। पाचन क्रिया में समस्या हो सकती है। व्यर्थ की चिन्ता न करें। कार्यक्षेत्र में किसी से बहसबाजी न करें। अपने व्यवहार में नम्रता रखें।

- ज्योतिषी प्रेमशंकर शर्मा, बीकानेर।

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