पंचांग - बुधवार, जून 10, 2020
त्रिनेत्र गणेश, रणथम्भौर
सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय से 13 किलोमीटर दूर रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान के भीतर विश्व विरासत में शामिल रणथंभोर दुर्ग में भगवान गणेश का ऐतिहासिक महत्त्व वाला प्राचीन मंदिर स्थित है। इस मंदिर में जाने के लिए लगभग 1579 फीट ऊँचाई पर भगवान गणेश के दर्शन हेतु जाना पड़ता है। भाद्रपद शुक्ल की चतुर्थी को भक्तों की भीड़ के चलते रणथम्भौर की अरावली व विंध्याचल पहाडिय़ाँ गजानन के जयकारों से गुंजायमान रहती है। भगवान त्रिनेत्र गणेश की परिक्रमा 7 किलोमीटर के लगभग है। जयपुर से त्रिनेत्र गणेश मंदिर की दूरी 142 किलोमीटर के लगभग है।
महाराजा हम्मीरदेव चौहान व दिल्ली शासक अलाउद्दीन खिलजी का युद्ध 1299-1301 ईस्वी के बीच रणथम्भौर हुआ। उस समय अलाउद्दीन खिलजी ने रणथम्भौर के दुर्ग को चारों तरफ से घेर लिया था, नौ माह से भी अधिक रणथम्भौर दुर्ग चारों तरफ से मुगल सेना से घिरा हुआ होने के कारण रणथम्भौर दुर्ग में रसद सामग्री शन: शन: खत्म होने लगी, उस समय महाराजा हम्मीरदेव चौहान को स्वप्न में गणेश जी के दर्शन हुए। राजा हम्मीरदेव ने गणेश की मूर्ति की पूजा की। किंवदंती के अनुसार भगवान राम ने जिस स्वयंभू मूर्ति की पूजा की थी उसी मूर्ति को हम्मीरदेव ने यहाँ पर प्रकट किया।
भगवान राम ने लंका कूच करते समय इसी गणेश का अभिषेक कर पूजन किया था। अत: त्रेतायुग में यह प्रतिमा रणथम्भौर में स्वयंभू रूप में स्थापित हुई और लुप्त हो गई।
एक और मान्यता के अनुसार जब द्वापर युग में भगवान कृष्ण का विवाह रूकमणी से हुआ था तब भगवान कृष्ण गलती से गणेश जी को बुलाना भूल गए जिससे भगवान गणेश नाराज हो गए और अपने मूषक को आदेश दिया की विशाल चूहों की सेना के साथ जाओं और कृष्ण के रथ के आगे सम्पूर्ण धरती में बिल खोद डालो। इस प्रकार भगवान कृष्ण का रथ धरती में धँस गया और आगे नहीं बढ़ पाये। मूषकों के बताने पर भगवान श्रीकृष्ण को अपनी गलती का अहसास हुआ और रणथम्भौर स्थित जगह पर गणेश को लेने वापस आए, तब जाकर कृष्ण का विवाह सम्पन्न हुआ। तब से भगवान गणेश को विवाह व मांगलिक कार्यों में प्रथम आमंत्रित किया जाता है। यही कारण है कि रणथम्भौर गणेश को भारत का प्रथम गणेश कहते है।
रणथम्भौर स्थित त्रिनेत्र गणेश जी दुनिया के एक मात्र गणेश है जो तीसरा नयन धारण करते है। गजवंदनम् चितयम् में विनायक के तीसरे नेत्र का वर्णन किया गया है, लोक मान्यता है कि भगवान शिव ने अपना तीसरा नेत्र उत्तराधिकारी स्वरूप सौम पुत्र गणपति को सौंप दिया था और इस तरह महादेव की सारी शक्तियाँ गजानन में निहित हो गई। महागणपति षोड्श स्त्रौतमाला में विनायक के सौलह विग्रह स्वरूपों का वर्णन है। महागणपति अत्यंत विशिष्ट व भव्य है जो त्रिनेत्र धारण करते है, इस प्रकार ये माना जाता है कि रणथम्भौर के रणतभंवर महागणपति का ही स्वरूप है।
रणथम्भौर दुर्ग में स्थित भगवान त्रिनेत्र गणेश का शृंगार भी विशिष्ट प्रकार से किया जाता है। भगवान गणेश का शृंगार सामान्य दिनों में चाँदी के वरक से किया जाता है, लेकिन गणेश चतुर्थी पर भगवान का शृंगार स्वर्ण के वरक से होता है, यह वरक मुम्बई से मंगवाया जाता है। कई घंटे तक विधि-विधान से भगवान का अभिषेक किया जाता है वही भगवान त्रिनेत्र गणेश जी की पोशाक जयपुर में तैयार करवायी जाती है। भगवान गणेश की झाँकी पर महाआरती मे दुर्ग परिसर में उगी घास की सफेद सीखियों को काम में लिया जाता है, इन सीखियों पर रूई (कपास) लपेट कर व घी में डुबोकर आरती की जाती है।
दैनिक राशिफल
मेष - व्यवसाय में कुछ नया प्रयोग कर सकते हैं। परिवार के लोगों के उत्तम व्यवहार से मन प्रसन्न रहेगा। समाज में आपकी छवि बहुत ही अच्छी रहेगी। एकाग्रचित्त होकर काम करना आपके लिये बेहतर होगा। शाम के समय घर वालों के साथ अच्छा समय बितायेंगे।
वृषभ - धार्मिकता की ओर आकर्षित रहेंगे। करियर में काफी अच्छी प्रगति होगी। मानसिक रूप से काफी मजबूत रहेंगे। स्थान परिवर्तन के प्रबल योग बन रहे हैं। पुराने सम्बन्धों के कारण आपके कार्य सफल होंगे। अपनी छवि को सुधारने की दिशा में काम करेंगे।
मिथुन - गुप्त शत्रुओं से परेशानी हो सकती है। स्वास्थ्य को लेकर लापरवाही न करें। मानसिक रूप से थोड़ा भ्रमित हो सकते हैं। गृहस्थ जीवन में तनातनी हो सकती है। जॉब में मेहनत करने की आवश्यकता है। भविष्य को लेकर आशंकित रहेंगे।
कर्क - आज भावुक होकर फैसले न लें। दाम्पत्य जीवन में प्रेम बढ़ेगा। नौकरीपेशा लोगों को सम्मान मिलेगा। प्रेम और रोमांस से युक्त दिन रहेगा। बिजनेस में नये समझौते हो सकते हैं। सेहत काफी अच्छी रहेगी। ससुराल से कुछ अच्छे समाचार मिल सकते हैं।
सिंह - जीवनसाथी से अपने मन की बात शेयर करेंगे। करियर में काफी अच्छे मौके मिल सकते हैं। कार्यक्षेत्र का माहौल बहुत सहायक हो सकता है। कोई मनमुटाव आज दूर हो सकता है। कारोबार में आर्थिक नुकसान होने की आशंका रहेगी।
कन्या - आपको आज धैर्यवान होकर फैसले लेने चाहिये। परिस्थितियों का सही आकलन करने में चूक सकते हैं। इंजीनियरिंग क्षेत्र से जुड़े लोगों को बेहतरीन लाभ मिल सकता है। विद्यार्थियों को नये कोर्सेज में प्रवेश लेने की रुचि जागृत होगी। सन्तान आज्ञाकारी रहेगी।
तुला - गृहस्थ जीवन में शान्ति रहेगी। आपको अपनी कार्यशैली बदलनी पड़ेगी। मन में किसी महत्वपूर्ण कार्य को लेकर कन्फ्य़ूजन रहेगा। ईमानदारी से प्रयास करते रहें, सफलता अवश्य मिलेगी। आर्थिक दृष्टिकोण से दिन सामान्य रहने वाला है।
वृश्चिक - आय के नये स्त्रोत प्राप्त हो सकते हैं। परिवार में आपकी अहमियत बढऩे वाली है। धैर्यवान होकर अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ें सफलता अवश्य मिलेगी। मन में किसी तरह का दबाव और तनाव न आने दें। ढ्ढञ्ज क्षेत्र से जुड़े लोगों को करियर के नये मौके मिलेंगे।
धनु - अपनी वाणी में थोड़ा संयम बरतना होगा। लोग आपसे काफी आकर्षित रहेंगे। जल्दबाज़ी में कार्य बिगड़ सकते हैं। राजनीति से जुड़े लोगों को उच्च पद मिल सकता है। लोगों पर आँख मूंदकर भरोसा न करें। दोपहर के बाद आपको एक अनचाही यात्रा भी करनी पड़ सकती है।
मकर - नयी प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं। कार्यक्षेत्र में आप अपनी विशेष जगह बना पाने में कामयाब रहेंगे। आपकी प्रबन्धन क्षमता में वृद्धि होगी। दाम्पत्य जीवन में सहयोग और प्रेम रहेगा। सभी कार्यों को समय से पूरा कर पायेंगे।
कुम्भ - आपको दूसरे लोगों के विचारों को भी महत्व देना चाहिये। किसी विशेष कारण से आपको कहीं बाहर जाना पड़ सकता है। किन्तु प्रयास करें की भीड़भाड़ और लोगों के सम्पर्क में आने से बचें। वायरल इन्फेक्शन की समस्या हो सकती है, इसे अनदेखा न करें। अचानक खर्च बढ़ सकता है।
मीन - प्रेमी जोड़ों के लिये दिन जबरदस्त अनुकूल रहने वाला है। दाम्पत्य सम्बन्धों में मधुरता रहेगी। शेयर मार्केट से जुड़े लोगों को शानदार लाभ हो सकता है। आपको मेहनत का शानदार परिणाम मिलेगा। नया व्यापार शुरू करना चाहते हैं तो दिन बहुत ही अच्छा और लाभदायक है।
- ज्योतिषी प्रेमशंकर शर्मा, बीकानेर।
समाज की 'भाई बन्धु' पत्रिका में न्यूज और धर्म लेख इत्यादि अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें।
Comments
Post a Comment
if you have any doubts please let me know