भाई बन्धु पत्रिका/ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है। इस बार गंगा दशहरा 1 जून है। इस दिन गंगा नदी में स्नान-ध्यान करने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलती है। इस दिन दान का भी अति विशेष महत्त्व है। धार्मिक मान्यता है कि गंगा नाम के स्मरण मात्र से व्यक्ति के पाप मिट जाते हैं। मान्यता यह भी है कि इस दिन मां गंगा का धरती पर आगमन हुआ था। गंगा को देश में सबसे पवत्रि नदी का दर्जा दिया गया है और इसे मोक्षदायिनी भी माना गया है। मान्यता है कि गंगा दशहरा के दिन कुछ चीजों का दान-पुण्य करने से समस्त कष्ट खत्म हो जाते हैं। साथ ही दान करने से कई तरह के लाभ भी मिलते हैं।
गंगा दशहरा पर करें दान-पुण्य
- इस दिन किसी गरीब व्यक्ति को पानी से भरा हुआ घड़े का दान जरूर करना चाहिए।
- इस दिन मौसमी फल को दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
- राहगीरों को पानी पीने की व्यावस्था करनी चाहिए। ऐसे करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है।
- गंगा दशहरा के दिन श्रद्धालु जन जिस भी वस्तु का दान करें उनकी संख्या दस होनी चाहिए और जिस वस्तु से भी पूजन करें, उनकी संख्या भी दस ही होनी चाहिए।
- गंगा पूजा में सभी वस्तुएं दस प्रकार की होनी चाहिए, जैसे- दस प्रकार के फूल, दस गंध, दस दीपक, दस प्रकार के नैवेद्य, दस पान के पत्ते, दस प्रकार के फल आदि, छाता, सूती वस्त्र, टोपी-अंगोछा, जूते-चप्पल आदि दान में देने चाहिए।
शिवालय में करें गंगा जलाभिषेक
इस दिन शिवालय में गंगा जलाभिषेक के बाद अमृत मृत्युंजय का जाप करने के साथ अच्छे स्वास्थ्य और लम्बी आयु की प्रार्थना करना चाहिए। माना जाता है कि गंगा श्री विष्णु के चरणों में रहती थीं, भागीरथ की तपस्या से, शिव ने उन्हें अपनी जटाओं में धारण किया। फिर शिव जी ने अपनी जटाओं को सात धाराओं में विभाजित कर दिया। माना जाता है कि गंगा का जल पुण्य देता है और पापों का नाश करता है।
घर पर ऐसे करें स्नान
वैसे तो इस दिन श्रद्धालुओं को मां गंगा में जाकर डुबकी लगानी चाहिए और इनका वंदन करना चाहिए। लेकिन कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन में इस साल ऐसा संभव नहीं हो पाएगा। ऐसे में घर पर गंगा जल मिले पानी से स्नान करें और फिर सूर्य देव की अराधना करें।
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