मां नागणेची माता को इत्र-गुलाल से होली खेलाकर किया होलका का आगाज़


भाई बन्धु/बीकानेर। शाकद्वीपीय मग ब्राह्मण समाज द्वारा नागणेची जी मन्दिर में सोमवार को खेलनी सप्तमी के अवसर पर माँ भगवती के समक्ष भजनों की प्रस्तुति की गई। मन्दिर को पुष्पों से सजाया गया। और अष्टादशभुज माता की प्रतिमा का शृंगार कर इत्र-फल व गुलाल से फाग खिलाई गई। बीकानेर शहर में होली का विधिवत आगाज हुआ। सोमवार शाम को आयोजित हुए इस आयोजन में हंस चढ़ी मां आई भवानी रे..., निम्बूड़ो..., पन्नो रे म्हारी जोड़ रो... बीकाणे रो बासी रे के साथ मुजमानी के सरीखे भजनों की स्वर लहरियां गूंज उठी। भक्ति से सराबोर हो उठे इस माहौल में कई संस्थाओं व संगठनों ने मां भगवाती के चरणों में अर्पित गुलाब से यहां मौजूद भक्तों को फूलों की होली खिलाई गई। भजन गाने वालों में शाकद्वीपीय समाज के बन्धु, मरुनायक मित्र मण्डल और अन्य गायकारों ने भजनों की फनकारों प्रस्तुति दी। प्रसाद का भोग लगाकर भक्तों में प्रसाद वितरण किया गया। इस मौके पर शाकद्वीपीय समाज की ओर से सामूहिक गोठ का आयोजन हुआ। शिवशक्ति भवन में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ।




सामुहिक भोज का आयोजन - शाकद्वीपीय समाज के इस पावन पर्व पर सामुहिक भोज का आयोजन सामाजिक स्तर पर सूर्य भवन-नाथसागर, मुन्धाड़ा सेवगों की बगेची-नत्थूसर गेट, हंसावतों की तलाई-गंगाशहर रोड, शिवशक्ति भवन-डागों चौक, जेनेश्वर भवन-जसोलाई तलाई, सेवगों का मोहल्ला-गोपेश्वर बस्ती व मदन मोहन भवन-मोहता चौक आदि में हुई। गौठों में बड़ी संख्या में समाज के लोग शामिल हुए। 

गीतों के साथ निकली गैर - खेलनी सप्तमी के दिन शाकद्वीपीय समाज की गैर निकाली गई। रात्रि करीब दस बजे गोगागेट से निकाली गई, जो कि बागड़ी मोहल्ला, भुजिया बाजार, चायपट्टी, बड़ा बाजार, नाइयों की गली, मरुनायक चौक होते हुए सेवगों के चौक में सम्पन्न हुई। गैर में अलग-अलग समूह में शाकद्वीपीय समाज के लोग 'ओ लाल केशा, पापड़ली और परम्परागत गीत गाते हुए चल रहे थे।
माता के मन्दिर का शृंगार -  माता के मन्दिर में नरेन्द्र कुमार शर्मा पुत्र स्व. सूरजकरण शर्मा के द्वारा पुष्पों से मन्दिर को सजाया गया। 






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