भाई बन्धु/बीकानेर। भीखमचंद फाउण्डेशन व राजस्थान शाकद्वीपीय ब्राह्मण विकास समिति की ओर से बुधवार को शहीद मंगल पाण्डे की 163 वीं पुण्यतिथि पर शहीद उद्यान पार्क में उनके बलिदान का स्मरण किया गया। फाउण्डेशन के संयुक्त सचिव राजेश शर्मा ने बताया कि लॉकडाउन के कारण सोशियल डिस्टेंसिंग रखते हुए उनको श्रद्धांजलि अर्पित किया व सेवाश्रम के कार्य में बेजुबान पक्षियों व जानवरों के दाना-पानी के साथ गायों को गुड़ व चारा खिलाया। श्रद्धांजलि देते हुए अध्यक्ष शंकर सेवग ने कहा कि आए दिन भारतीयों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ अंग्रेजी हुकूमत को लोहा लेना पड़ा था वह हर भारतीय के लिए महान नायक थे।
शिवरतन सेवग ने कहा कि लॉकडाउन तक पक्षियों की निरंतर सेवा करते रहेंगे। हर युवाओं को मंगल पाण्डे से प्रेरणा लेनी चाहिए। विकास शर्मा व मनीष भोजक, जैनेंद्र ने भी श्रद्धांजलि देते हुए उनका स्मरण किया।
सूर्य प्रकाश शर्मा ने वर्तमान समय में देश पर अपनी जान न्यौछावर करने वाले अमर शहीदों को बिसरा दिये जाने पर रोष व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे महापुरुषों के जीवन को आने वाली पीढ़ी से विलुप्त कर दिया जाएगा तो देश के लिए जान न्यौछावर करने वाले विर सर्पूत कहा से पैदा होंगे। अपनी बात इस प्रकार पूरी की 'शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले वतन पर मिटने वालों का बाकी यही निशा होगा।'
शब्दाजंलि अर्पित करते हुए सचिव आर.के.शर्मा ने कहा कि देश के लिए कुछ कर गुजरने की तम्मना ही देश के प्रति हमारे उत्तरदायित्व को पूरा करती है। अत: हमें वर्तमान को ध्यान रखते हुए देश के प्रति हमारे उत्तरदायित्व को पूरा करना है।
भाई बन्धु सम्पादक नितिन वत्सस ने श्रदांजलि अर्पित करते हुए कहा कि मंगल पांडे ने सिर्फ अपना ही नहीं वरन अन्य धर्म की भावनाओं के खिलाफ जारी हुए फतवे का विरोध करके और सबसे ताकतवर साम्राज्य की जड़ों को हिलाने का कार्य किया जो कि साबित करता है कि देश का सच्चा नायक वही जो अपने साथ सब धर्मों की सब लोगों की सम्पूर्ण जीवन की रक्षा कर सके।
कल्याण फाउण्डेशन की निदेशक कामिनी भोजक ने आज के परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए कहा कि 'संग्राम जिंदगी है लडऩा हमे पड़ेगा-जो लड़ नही सकेगा जिंदा नही बचेगा। (यहां लडऩे का अभिप्राय घर में रहने से है) इसलिए घरों में रहे सुरक्षित रहे।
सत्यदेव शर्मा ने वीडियो कॉल पर अध्यक्षता स्वीकार करते हुए कहा कि मंगल पांडे एक साधारण से सैनिक थे, लेकिन जब बात अस्मिता और आन बान शान की आयी तो वही मंगल पांडे इस अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ देश के लिए जो सीना ताना वो भारतीय जनमानस और युवाओं में एक अलख जगा गया। हमें उनसे सीख लेनी चाहिए।
मंगल पांडे की जीवनी का वाचन फाउंडेशन के सह सचिव जितेंद्र भोजक ने किया।
वीडियो कॉल के जरिये वरिष्ठ समाजसेवी पुरषोत्तम सेवक, दुर्गादत्त भोजक, श्रीलाल सेवक, कन्हैया महाराज, विनोद सेवग, पूनमचंद शर्मा, राजेश शर्मा, विकास शर्मा, मनीष भोजक, जैनेंद्र शर्मा, श्रीमती सरोज शर्मा, निशा वत्सस, संतीश शर्मा, स्वेता कौशिक ने संबोधित करते हुए मंगल पांडे के जीवन से प्रेरणा लेने की बात कही।
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